रवींद्र जडेजा के परिवार में कुछ ठीक नहीं चल रहा है। दरअसल, क्रिकेटर रवींद्र जडेजा की बहन और उनकी पत्नी के बीच एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। इस विवाद ने भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों का ध्यान खींचा है। जडेजा की बहन नयनाबा और पत्नी रीवाबा के बीच सियासी जंग छिड़ गई है। इस विवाद का क्या कारण है आइये आपको बताते हैं।
यह एक राजनीतिक लड़ाई है जिसके कारण जडेजा की पत्नी और उनकी बहन एक दूसरे के खिलाफ खड़ी हो गई हैं। बता दें कि रिवाबा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की नेता हैं जबकि उनकी बहन नयनाबा कांग्रेस पार्टी से जुड़ी हुई है। रीवाबा करणी क्षत्रिय सेना के सौराष्ट्र इकाई की अध्यक्ष भी हैं। इसके अलावा वह सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रहती है और गरीब लोगों की मदद करती है।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब रिवाबा गुजरात में एक राजनीतिक कार्यक्रम में गई थी। नयनाबा ने उन पर कथित तौर पर कोविड-19 प्रोटोकॉल्स का उल्लंघन करने के कारण आड़े हाथों लिया है। मराठी न्यूज वेबसाइट लोकमत की रिपोर्ट के मुताबिक, रिवाबा ने हाल ही में एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था जहां भारी संख्या में लोग इकट्ठा हुए थे और कोरोना के नियमों का ध्यान नहीं रखा गया। रिवाबा भी इस कार्यक्रम में अच्छी तरह से मास्क नहीं पहने थीं। यही बात जडेजा की बहन को अखर गई और उन्होंने रिवाबा पर नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया।
नयनाबा के रिवाबा को लापरवाह बताया और कोविड को लेकर नियमों का सही तरीके से पालन न करने पर उनकी खूब आलोचना की। आलोचना करते हुए उन्होंने कहा है कि जो लोग इस कार्यक्रम में मौजूद थे वो गुजरात में कोविड की तीसरी लहर को लेकर जिम्मेदार होंगे। इस बात को लेकर जडेजा के घर में भी राजनीति का माहौल गर्मा गया क्योंकि रिवाबा को उनके पति का समर्थन हासिल है तो वहीं नयनाबा के समर्थन में उनके पिता और उनकी बहन है।
रविन्द्र जडेजा की पत्नी रिवाबा इससे पहले भी मास्क न पहनने को लेकर विवादों में घिर चुकी है। पिछले साल अगस्त में भी उनपर मास्क न पहनने और नियमों का सही तरीके से पालन न करने का आरोप लगा था। राजकोट में अपनी कार से निकलते हुए वह बिना मास्क के दिखी थीं और पुलिस ने भी उन्हें रोका था। रिवाबा को महिला पुलिस ने रोका तो उनकी पुलिस से बहस भी हुई थी। उस समय रवींद्र जडेजा भी उनके साथ कार में थे लेकिन वो मास्क पहने हुए थे।
वैसे इस समय गुजरात में कोरोनावायरस की स्थिति नियंत्रण में है। शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 16 नए मरीज मिले वहीं आज किसी भी संक्रमित की संक्रमण के कारण मौ’त नहीं हुई। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य में संक्रमण का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या 162 है। फिलहाल तो स्थिति नियंत्रण में है लेकिन तीसरी लहर की भविष्यवाणी को देखते हुए गुजरात स्वास्थ्य विभाग बिल्कुल रिस्क नहीं लेना चाहता और लगातार लोगों से नियमों का पालन करने को कह रहा है।
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