भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी एक नए विवाद में फंस गए हैं जिसकी वजह से उन पर मुकदमा दर्ज हुआ है। आखिर धोनी ने ऐसा क्या गुनाह कर दिया जो उन पर केस दर्ज किया गया है आइये आपको विस्तार से बताते हैं पूरा माजरा क्या है। दरअसल बिहार के बेगूसराय में महेंद्र सिंह धोनी समेत कुल आठ लोगों पर जिले के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (CJM) कोर्ट में मुकदमा दर्ज किया गया है।
यह मुकदमा डीएस इंटरप्राइजेज के प्रोपराइटर नीरज कुमार निराला ने दर्ज कराया है। यह मामला खेती-किसानी में इस्तेमाल किए जाने उर्वरक से जुड़ा है। नीरज कुमार ने अपनी शिकायत में धोनी समेत सभी आठों पर आरोप लगाया है कि वर्ष 2021 में उसने न्यू ग्लोबल उपजवर्धक इंडिया लिमिटेड का सीएनएफ लिया।
सीएनएफ लेने के लिए नीरज कुमार 36 लाख 86 हजार रुपये कंपनी को दिए थे। बाद कंपनी ने उसे फर्टिलाइजर भेज दिया, परंतु किन्हीं कारणों की वजह से खाद की बिक्री नहीं हो पाई। इसी के चलते शिकायतकर्ता और कंपनी के विवाद उत्पन्न होने पर कंपनी ने उसे 30 लाख का चेक दे दिया और बचा हुआ सारा फर्टिलाइजर वापस ले लिया।
महेंद्र सिंह धोनी ने किया था इसका विज्ञापन
कंपनी ने फर्टिलाइजर वापस लेकर जो 30 लाख का चेक दिया था वो बाउंस कर गया, जिसकी जानकारी कंपनी के लोगों को दी गई लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ, जिसके बाद कोर्ट में महेंद्र सिंह धोनी समेत आठ लोगों पर परिवाद पत्र दायर किया गया। इस उत्पाद का भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने विज्ञापन किया था, इसलिए उनका नाम भी शिकायत में दर्ज है।
शिकायतकर्ता ने अपने परिवाद पत्र के साथ चेक, लीगल नोटिस और महेंद्र सिंह धोनी द्वारा किए जा रहे विज्ञापन की फोटो लगाई है। महेंद्र सिंह धोनी समेत 8 लोगों के विरुद्ध भारतीय दंड विधान की धारा 406, 120 बी एवं एनआई एक्ट की धारा 138 के तहत न्यायालय में यह परिवाद पत्र दायर हुआ है। न्यायालय ने मामले पर सुनवाई के बाद इसे आगे के लिए न्यायिक दंडाधिकारी अजय कुमार मिश्रा के पास भेज दिया। इस मामले की अगली सुनवाई 28 जून को होगी।