अगर आप भारतीय हैं और भारतीय संस्कृति से परिचित हैं तो आपने दुनिया के सबसे बड़े महाकाव्य ‘महाभारत’ के बारें में और इसकी कहानी के बारे में सुना होगा। रामायण की तरह भी महाभारत भी अधर्म पर धर्म की जीत की कहानी हैं। इस कहानी को वैसे तो कई किताबों में कविताओं और कहानियों के जरिये पिरोया गया है। लेकिन जब टीवी का युग आया तो महाभारत पर एक सीरियल बना जिसका नाम भी था ‘महाभारत’
जब महाभारत सीरियल टीवी पर प्रसारित हुआ तब यह उस समय का सबसे ज्यादा देखे जाने वाला सीरियल था। इस सीरियल को प्रसिद्ध फिल्म निर्माता बी आर चोपड़ा ने बनाया था। इस सीरियल को देखने के लिए उस समय लोग अपने-अपने काम को छोड़कर टीवी के सामने बैठ जाया करते थे।
इस पौराणिक सीरियल में किरदार निभाने वाले लोगों की चर्चा आज भी होती है। इस सीरियल को प्रसारित हुए वर्षों बीत गए हैं लेकिन इनके किरदारों की चर्चा आज भी होती है।
जीवंत कर दिया था धृतराष्ट्र का किरदार
इस सीरियल में काम करने वाले सभी कलाकारों ने अपने किरदार के माध्यम से लोगों के दिलों में अपनी जगह बना ली। एक तरह से अगर देखा जाय तो महाभारत के हर किरदार एक से बढ़कर एक थे। लेकिन इसमें एक किरदार बहुत ही अहम था। वह किरदार था धृतराष्ट्र का। धृतराष्ट्र कौरवों के पिता होते हैं। धृतराष्ट्र की भूमिका को अभिनेता गिरिजाशंकर ने निभाया था।
अपनी एक्टिंग से गिरिजाशंकर से धृतराष्ट्र की लालसा, पुत्रमोह और अपने सभी पुत्रों को एक एक खोते देखने की एक्टिंग को किरदार में बखूबी उतारा था। नेत्रहीन धृतराष्ट्र की भूमिका निभाना इतना भी आसान काम नहीं था। लेकिन गिरिजाशंकर ने इस भूमिका को अपनी एक्टिंग के दम पर जीवंत कर दिया था। जब भी धृतराष्ट्र की चर्चा होती है तो गिरिजाशंकर का चेहरा बरबस दिमाग में आ जाता है।
जब अभिनेता गिरिजाशंकर को महाभारत में धृतराष्ट्र का किरदार ऑफ़र किया गया था तो यह उन्हें बहुत छोटा लग रहा था। लेकिन जब उन्होंने स्क्रिप्ट को बढ़ा तो उन्हें यह बहुत ही जानदार और महत्वपूर्ण किरदार लगा। स्क्रिप्ट पढ़कर वह समझ गए थे कि यही वह किरदार है जिसके बल पर वह अपनी पहचान स्थापित कर सकते है। इस किरदार को निभाने के बाद गिरिजाशंकर को दर्शकों से काफी सराहना मिली।
महाभारत की शूटिंग किये हुए दशकों बीत गए हैं लेकिन गिरिजाशंकर बताते हैं कि उनमे वह किरदार अब भी जिन्दा है। उनका मानना है कि धृतराष्ट्र का प्रभाव उन पर अभी भी है। अगर गिरिजाशंकर के बैकग्रॉउंड की बात की जाय तो वह पटियाला पंजाब से ताल्लुक रखते हैं। पंजाब यूनिवर्सिटी से उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन पूरी की।
पंजाबी फिल्मों में भी काम कर चुके हैं गिरिजाशंकर
एक्टिंग सीखने के लिए गिरिजाशंकर नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा में भी गए थे। उन्होंने एडमिशन के लिए ऑडिशन भी दिया था लेकिन व्यक्तिगत कारणों की वजह से वह एनएसडी में दाखिला नहीं ले पाए।
आपको जानकारी के लिए बता दूँ कि जब गिरिजाशंकर ने धृतराष्ट्र का किरदार निभाया था तब उनकी उम्र केवल 28 साल थी लेकिन उन्होंने पूरे प्रौढ़ता के साथ इस किरदार को निभाया। गिरिजाशंकर ने टीवी सीरियल के अलावा कई पंजाबी फिल्मों में भी काम किया है।
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