क्या आप जानते हैं फैक्ट्रियों के छत पर क्यों बनी होती है गोल घुमने वाली गुम्बद, ये है वजह

अगर आप शहर में रहते हैं या किसी इंडस्ट्रियल एरिया में रहते हैं तो आपके इलाके में फैक्टरियां जरूर होंगी। आपने फैक्टरियों की छत पर कुछ गोल-गोल घूमते देखा होगा। क्या आपने सोचा है कि यह क्या है। आपने इस घुमती चीज को देखकर जरूर यह सोचा होगा कि यह किस लिए फैक्टरी में लगाया जाता है यह यह घर में क्यों नहीं लगाया जाता है।

क्या यह कोई मशीन होती है या इसका कोई अलग संकेत होता है। अगर आप इसके बारें में नहीं जानते हैं तो हम आपको इसके बारें में बताने जा रहे हैं।

चाहे आप दिल्ली में हो या मुंबई, गोरखपुर हो या कानपुर हर जगह इस तरह की फैक्टरी होती है जहाँ पर यह गोल-गोल घूमने वाली लगी होती है। यह फैक्टरी की छत पर ही लगती है। दूर से देखने पर यह चमकती रहती है. जब फैक्ट्री के अंदर काम होता है तब यह चलती रहती है. चलते रहने से पता लगता है कि अंदर काम हो रहा है.

यह अक्सर सभी फैक्ट्रियों में लगाया जाता है. इसका वैज्ञानिक महत्व होता है. जब फैक्ट्रियां बनती हैं तभी छत पर इसे लगा दिया जाता है. यह फैक्ट्री के अंदर काम करने वाले कर्मचारियों की सेहत की सुरक्षा करता है. कैसे? तो आइये हम आपको विस्तार से इसके बारें में बताते हैं.

इसे कहते हैं विंड वेंटिलेटर

इस गोल-गोल घूमने वाली चीज को विंड वेंटिलेटर कहते हैं। यह ऐसी फैक्ट्री और कारखानों में लगाया जाता है जहाँ पर जहरीली घुटन वाली गर्म गैस का बहाव होता है। इन गर्म हवाओं का बाहर निकलना बहुत जरूरी होता है। अगर ये हवाएं बाहर न निकल पायें तो फैक्टरी के अन्दर काम करने वाले कर्मचारियों को काफी नुकसान पहुंचा सकती है।

ये गैसें उनका स्वास्थ्य बिगाड़ सकती हैं। इन सब चीज़ों से बचने के लिए फैक्ट्री के मालिक फैक्ट्री के छत में वेंटिलेटर लगाते हैं ताकि अन्दर की हवा काम करने लायक बनी रहे।

जब फैक्ट्री बनती हैं तभी इन वेंटिलेटर को लगा दिया जाता है। जब फैक्ट्री में कोई किसी चीज का निर्माण होता हैं तो अंदर धुआं हो जाता है जिससे अंदर का तापमान बहुत गर्म हो जाता है जब ये वेंटिलेटर लगा होता है तो धुआं इनके जरिये यह ऊपर से निकल जाता है और इससे फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारियों को नुकसान नहीं पहुंचता हैं।

तापमान के कारण फैक्ट्री के अंदर बदबू भी हो जाती है और यह बदबू कर्मचारियों की सेहत को नुकसान पहुंचाती है। वेंटिलेटर लगे होने से ऐसा नहीं होता है।

इन वेंटिलेटर से जब गर्म हवा बाहर निकल जाती है तो खिड़कियों के अंदर से हवा अंदर आती है। वेंटिलेटर के अंदर एक टर्बाइन लगी होती है इसमें गर्म हवा जाकर टर्बाइन में जाकर जमा हो जाती है। वेंटिलेटर के ब्लेड उल्टी दिशा में गति करते हैं जो अंदर से ज्यादा गर्म हवा को टर्बाइन में खींचता है।

इसी के साथ छत के ऊपर से चलने वाली प्राकृतिक हवा की मदद से टर्बाइन का आरपीएम बढ़ जाता है। इससे फैक्ट्री के अंदर तापमान सामान्य हो जाता है। यही कारण हैं कि फैक्टरियों की छत पर ये गोल-गोल घूमने वाले वेंटिलेटर लगाए जाते हैं।

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