हमारे देश में चीन से इतनी ज्यादा मात्रा में सामान आयात होता हैं की भारत के बाजारों में चाइनीज प्रोडक्ट्स की कोई कमी नहीं है। छोटे से गांव की दुकान से लेकर बड़े शहरों को दुकानों तक हर किसी में आपको कोई ना कोई चाइनीज सामान देखने को मिल ही जाएगा। बच्चों के खिलौने तथा इलेक्ट्रॉनिक्स का ज्यादातर सामान चीन से ही भारत में आयात किया जाता है। मुमकिन है कि अभी आप जिस मोबाइल से यह पोस्ट पढ़ रहे हैं वह मोबाइल भी किसी चाइनीज कंपनी का हो।
एक तरह से कहा जाए तो चाइनीज कंपनियों ने भारतीय बाजार पर पूरी तरह से कब्जा कर रखा है। चीन की अर्थव्यवस्था में भारतीय बाजार का बहुत अहम रोल है। समय-समय पर चाइनीज प्रोडक्ट्स का बहिष्कार करने की मांगे भी उठती रहती हैं लेकिन चीनी सामान का पूरी तरह से बहिष्कार करना इतना भी आसान नहीं है और इसका कारण है सामान का सस्ता होना। लेकिन चाइनीज सामान भारतीय सामान की तुलना में आखिर इतना सस्ता क्यों होता है ? यह सवाल आपके दिमाग में भी कभी ना कभी जरूर आया होगा। तो इस पोस्ट में हम आपको यही बताने वाले हैं कि आखिर चीन में बनने वाले सामान की कीमत इतनी कम क्यों होती है।
चीन की जनसंख्या भारत से भी ज्यादा है और वहां पर श्रम की कोई कमी नहीं है। किसी भी सामान की कीमत उस पर लगने वाले लेबर कॉस्ट पर बहुत हद तक निर्भर करती हैं। चीन में श्रम सस्ता होने के कारण सामान पर श्रमिक लागत भी बहुत कम लगती हैं। यही कारण है कि चाइनीज सामान सस्ता होता हैं।
बता दें की चीन की सरकार अपने देश की कंपनियों को कई प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराती हैं जिससे वे और बेहतर ढंग से काम कर सकें। चीनी कंपनियों को सरकार द्वारा बिजली, पानी तथा सड़क आदि की सुविधाएं काफी कम कीमत में मुहैया कराई जाती हैं। इसके अलावा कंपनियों को सामान निर्यात करने के लिए भी बहुत छुट दी जाती हैं। वहां की कंपनियों को सरकार की तरफ से सब्सिडी भी दी जाती हैं।
चीन में जितनी भी छोटी बड़ी कंपनिया हैं लगभग उन सभी का यही लक्ष्य होता है कि उनके द्वारा बनाए गए सामान को विदेशों में ज्यादा से ज्यादा बेचकर खूब लाभ कमाना। इसलिए ये कंपनियां अपने देश की बजाय विदेशी बाजार को ध्यान में रखकर प्रोडक्ट्स बनाती हैं। इन्हें विदेशों से अपने आप ऑर्डर मिल जाता हैं और फिर ये उसी ऑर्डर के हिसाब से सामान तैयार करती हैं।
ये कंपनियां बहुत तेज होती हैं और विदेशी बाजारों पर पैनी नजर रखती हैं। ये सामान बनाने से पहले ही पता लगा लेती है कि भारत में कौन से त्योहारों पर लोग कौन सी चीजें ज्यादा खरीदेंगे तथा बच्चे कैसे खिलोने पसंद करते हैं। इनको यह सब पता होता हैं। सबसे खास बात तो यह है कि अगर कोई चाइनीज कंपनी दूसरी कंपनी के प्रोडक्ट की नकल करती हैं तो सरकार कुछ एक्शन नहीं लेती। यही कारण है कि आजकल आपको हर ब्रांडेड वस्तु की चाइनीज कॉपी सस्ती कीमत पर मिल जाती हैं।
हमारे देश में बिजली की कितनी किल्लत रहती हैं इस बात से आप भली-भांति परिचित हैं। हमारे यहां ऐसी बहुत कम जगह हैं जहां 24 घंटे बिजली रहती हैं। ऐसी स्थिति में कंपनियों को खुद का जनरेटर लगाकर काम चलाना पड़ता हैं जिसमें तेल का बहुत खर्चा आता है। इसी वजह से सामान की लागत बढ़ जाती हैं और फिर वह सामान अपने आप महंगा हो जाता हैं।
सामान को तैयार करके उसे बाजार में उतारने के लिए एक जगह से दूसरी जगह भेजा जाता हैं जिसमें बहुत खर्चा आता हैं। चीन की तुलना में भारत में ट्रांसपोर्ट काफी महंगा है।
कोई चाहे कितनी भी कोशिश कर लें लेकिन भारत से भ्रष्टाचार को पूरी तरह खत्म करना नामुमकिन सा लगता हैं। जब हमारे देश में कोई व्यक्ति नई फैक्ट्री लगाने की सोचता है तो उसे पहले कई प्रकार की कागजी कार्यवाही से गुजरना पड़ता है और इसके लिए दर दर की ठोकरें खानी पड़ती हैं और तब भी काम नहीं बनता तो वह रिश्वत का सहारा लेता है क्योंकि बिना पैसे अधिकारी काम नहीं करता। फिर बाद में उसको अपनी लागत पूरी करने के लिए सामान की कीमत बढ़ानी पड़ती हैं।
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