टेस्ट क्रिकेट में कई बार गेंदबाजी कर रही टीम के खिलाड़ी बल्लेबाज को तंग करने के लिए स्लेज करते हैं यानि की उसको परेशान करने के लिए बार बार कुछ उल्टा सीधा बोलते हैं ताकि बल्लेबाजी अपना आपा खोकर जल्दी आउट हो जाए। इंटरनेशनल क्रिकेट में हमने ऐसा कई बार देखा है। लेकिन घरेलू टेस्ट मैच खेल रहे भारत के युवा खिलाड़ी यशस्वी जायसवाल को ऐसा करना महंगा पड़ गया।
दरअसल, साउथ जोन ने वेस्ट जोन के बीच दलीप ट्रॉफी का फाइनल टेस्ट मुकाबला खेला गया जिसमें साउथ जोन ने वेस्ट जोन को 294 रनों से हरा दिया है। 529 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए वेस्ट जोन की टीम सिर्फ 234 रन बनाकर ऑल आउट हो गई। इस मैच के आखिरी दिन एक विवाद खड़ा हो गया। जब साउथ जोन के कप्तान अजिंक्य रहाणे ने अपनी टीम के युवा खिलाड़ी यशस्वी जायसवाल को मैदान से बाहर भेज दिया। यशस्वी जायसवाल के अनुशासनहीन रवैये के चलते रहाणे को यह ऐसा कदम उठाना पड़ा।
यशस्वी बार-बार साउथ जोन के बल्लेबाजों को स्लेज कर रहे थे। जब बल्लेबाज रवि तेजा क्रीज पर खेल रहे थे तब जायसवाल ने उनको भी स्लेज करना शुरू कर दिया। अंपायरों ने यशस्वी को इसे लेकर दो-तीन बार चेतावनी दी। लेकिन यशस्वी नहीं माने और पारी के 57वें ओवर में एक बार फिर यही हरकत की तो अंपायर्स को बीच में इंटरफेयर करना पड़ा और उन्होंने कप्तान रहाणे से लंबी बातचीत की जिसके बाद कप्तान रहाणे ने यशस्वी को मैदान से बाहर जाने को कह दिया। यशस्वी अपनी ग़लती मानते हुए चुपचाप मैदान से बाहर चले गए।
Batter Ravi Teja was having some issues with Yashasvi Jaiswal, so after warning him first and seeing it still happen, Captain Ajinkya Rahane tells his own teammate to leave the field!pic.twitter.com/R1sPozKFjF
— 12th Khiladi (@12th_khiladi) September 25, 2022
यशस्वी ने इस मैच में लगाया दोहरा शतक
साउथ जोन को यशस्वी के इस व्यवहार की वजह से सिर्फ 10 खिलाड़ियों के साथ मैदान पर रहना पड़ा। क्योंकि अंपायरों ने उनकी जगह सब्स्टीट्यूट फील्डर की स्वीकृति नहीं दी। हालांकि जायसवाल ने लगभग सात ओवर बाद फिर से मैदान पर फील्डिंग करने उतरे। इस मैच में यशस्वी ने साउथ जोन के लिए दूसरी पारी में बेहतरीन पारी खेलते हुए दोहरा शतक लगाया था। यशस्वी ने 323 गेंद खेलते हुए 265 रनों रन बनाए, जिसमें 30 चौके और चार छक्के शामिल रहे।
यशस्वी जायसवाल घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। इस मुकाबले से पहले तक 6 फर्स्ट क्लास मैचों में 74.90 की औसत के साथ 749 रन बनाए थे, जिसमें 4 शतक और 1 अर्धशतक शामिल रहे। अब उन्होंने अपने करियर के महज सातवें फर्स्ट क्लास मैच में पांचवां शतक लगा दिया है। रणजी ट्रॉफी के पिछले सीजन में यशस्वी ने लगातार तीन पारियों में शतक लगाया था। इस मैच में उनको प्लेयर ऑफ द मैच अवार्ड भी मिला।