एक क्रिकेट बॉल की कीमत क्या होती हैं ? कैसे बनाई जाती हैं कूकाबुरा क्रिकेट गेंद, देखिए विडियो

क्रिकेट एक काफी लोकप्रिय खेल हैं जो विश्वभर के कई देशों में खेला जाता हैं। भारत में तो गली-गली के बच्चों में क्रिकेट के प्रति दीवानगी देखने को मिलती हैं। हमारे देश के छोटे-छोटे बच्चों को भी क्रिकेट के लगभग सभी नियम पता होते है क्योंकि वो टीवी पर मैच देखकर सब कुछ सीख जाते हैं। लेकिन क्रिकेट से जुड़ी कुछ ऐसी बातें भी है जिन्हें शायद आप भी नहीं जानते होंगे। जैसे कि एक क्रिकेट बॉल की कीमत क्या होती हैं ? क्रिकेट बॉल कैसे बनाई जाती हैं ? अगर आपको इसके बारे नहीं पता है तो आज की इस पोस्ट में हम ये सारी बातें बताने जा रहे हैं। तो आईये जानते हैं

क्रिकेट में तीन रंग की गेंदों का होता है प्रयोग :

Kookaburra cricket ball price

इंटरनेशनल क्रिकेट मैचों के दौरान 3 रंग की गेंदों का इस्तेमाल किया जाता है। वन-डे मैचों में सफेद रंग की बॉल का इस्तेमाल होता हैं जबकि टेस्ट मैच लाल रंग की बॉल के साथ खेला जाता हैं। आप जानते हैं कि टेस्ट दिन में खेला जाता हैं और सभी खिलाड़ी सफेद रंग की जर्सी पहनकर खेलते हैं इसलिए लाल गेंद दिन में सफेद गेंद की तुलना में आसानी से नजर आती हैं। वैसे अब डे नाइट टेस्ट की भी शुरुआत हो चुकी हैं जिसमें गुलाबी रंग की गेंद का इस्तेमाल होता है।

क्या होती हैं एक क्रिकेट बॉल की कीमत :

आईसीसी अपने ज्यादातर मैच कूकाबुरा की गेंद से कराती है। जानकारी के लिए बता दें कि कूकाबुरा एक आस्ट्रेलियाई कंपनी है जो बड़ी मात्रा में क्रिकेट गेंद बनाती हैं। इस कंपनी की स्थापना सन् 1890 में एल्फ्रेड थॉम्सन ने की थी। बता दें कि कूकाबुरा आस्ट्रेलिया में पाए जाने वाले एक पक्षी का नाम है। टेस्ट मैचों में प्रयोग होने वाली कूकाबुरा कंपनी की बॉल 8000 रुपए की होती है, वही SG कंपनी की गेंद की कीमत 5000 रुपए होती है। इस बॉल से 80 ओवर ही फेंके जा सकते हैं।

वन-डे और टी-ट्वेंटी मैचों में प्रयोग होने वाली कूकाबुरा गेंद 12000 की होती हैं और SG कंपनी की गेंद 4000 की होती है। क्रिकेट की बॉल असली लेदर से बनाई जाती हैं और ये वाटरप्रूफ भी होती है। अगर मैच के दौरान बारिश आ जाएं तो इसमें पानी नहीं जाता हैं। इनमें से कुछ गेंदों में सेंसर भी लगाया जाता है, जिससे गेंदबाजी के समय गेंद की स्पीड का पता चलता है। क्रिकेट की गेंदों का वजन 155.9 ग्राम से 163 ग्राम के बीच होता है।

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जानिए कैसे बनती हैं क्रिकेट गेंद :

Cricket ball kaise banti hai

कूकाबुरा की गेंदें काफी मजबूत होती हैं और इनको बहुत सावधानी से बनाया जाता हैं ताकि कोई कमी ना रहे। इसके लिए उच्च कोटि का लेदर और मजबूत धागा प्रयोग में लाया जाता हैं। सबसे पहले लेदर को धूप में सुखाया जाता है जिससे वह सख्त बन जाता है फिर उस लेदर को मशीनों द्वारा गेंद के सही आकार में काटा जाता है। फिर बॉल के अंदर पेड़ों की लकड़ी की छाल को पीसकर डाला जाता हैं जिससे वह सख्त गोले का रुप ले लेती हैं। इसके बाद उस पर धागे की मोटी परत चढ़ाकर गेंद के खोल में डाल दी जाती है और आखिर में मशीन द्वारा इसकी सिलाई कर दी जाती हैं।

इस प्रकार एक क्रिकेट बॉल तैयार होती हैं वैसे तो ये ज्यादातर काम मशीन द्वारा ही किए जाते हैं और एक क्रिकेट बॉल को बनाने में महज बीस मिनट का समय लगता हैं। वर्तमान में कूकाबुरा की गेंदें कई देशों जैसे इंग्लैंड, बांग्लादेश, अफ्रीका, और भारत में बनाई जाती है। यहां से यह बॉल तैयार करके खेल के मैदानों में भेज दी जाती है। भारत में कूकाबुरा कंपनी की गेंद उत्तरप्रदेश के मेरठ और जालंधर में मिलती हैं। आईपीएल में भी इन्हीं गेंदों का इस्तेमाल होता हैं।

कूकाबुरा गेंद खिलाड़ियों के लिए होती हैं घातक :

क्रिकेट में कूकाबुरा गेंद का इस्तेमाल काफी सालों से हो रहा है। यह बॉल गेंदबाजों को बहुत पसंद हैं क्योंकि इसके सख्त होने के कारण बॉलर को तेज स्पीड और अतिरिक्त उछाल मिलता है। लेकिन कठोर होने की वजह से बल्लेबाजों के लिए यह बहुत घातक भी होती हैं और सुरक्षा के लिए उन्हें हेलमेट पहनकर खेलना पड़ता है वरना इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। अगर आपको याद हो ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी फिलिप ह्यूज वह इसी गेंद का शिकार हुए थे।

नीचे दी गयी विडियो को देखकर आप अच्छी जान जायेंगे की क्रिकेट की बॉल कैसे तैयार होती है।

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