क्या राजस्थान के होने वाले हैं दो टुकड़े? मरुप्रदेश के गठन की मांग हुई तेज

राजस्थान में बहुत जल्द विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। कांग्रेस और बीजेपी के बीच इस बार चुनाव में कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है। गहलोत सरकार अपने कार्यों का जोर-शोर से प्रचार प्रसार करने में लगी हुई है। इसी बीच राजस्थान के विधानसभा चुनावों से पहले एक बार फिर राजस्थान को दो हिस्सों में बांटने की मांग उठने लगी है।

कुछ समय पहले गहलोत सरकार ने नए जिलों की घोषणा की थी जिसके बाद राजस्थान में जिलों की संख्या 50 हो जाएगी। वही भाजपा नीत वाली केंद्र सरकार राजस्थान का बंटवारा कर मरुप्रदेश बनाने का मास्टर स्ट्रोक खेल सकती है। इसे लेकर चर्चाएं तेज हो गई है।

दरअसल, पश्चिमी राजस्थान के रेगिस्तान वाले इलाके में लंबे समय से मरुप्रदेश बनाने की मांग उठती रही है। अब ये मांग चुनाव से ठीक पहले एक बार फिर तेज हो गई है। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार विशेष सत्र में ही इस बिल को भी पास कर नए राज्य का गठन कर सकती है। इसी विशेष सत्र के आगाज पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा है कि यह सत्र ऐतिहासिक रहने वाला है, इसके बाद से कयास लगाए जा रहे है कि मरुप्रदेश के गठन को लेकर सरकार बड़ा फैसला ले सकती है।

यदि राजस्थान का बंटवारा होता है तो थार रेगिस्तान इलाके वाले 20 जिले मरुप्रदेश को मिल सकते है। जिसमें श्रीगंगानगर, अनूपगढ़, हनुमानगढ़, बीकानेर, चूरू, झुंझुनू, डीडवाना, कुचामन, नीमकाथाना, नागौर, फलोदी, जैसलमेर, जोधपुर, जोधपुर ग्रामीण, बाड़मेर, बालोतरा, जालौर, सांचौर और सिरोही शामिल होंगे।

मरुप्रदेश की मांग करने वालों का तर्क है कि पश्चिमी राजस्थान का ये इलाका राज्य के अन्य हिस्सों के मुकाबले काफी पिछड़ा हुआ है। इसका बड़ा कारण भौगोलिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक स्थिति अलग है। इस हिस्से की जलवायु, कृषि, उद्योग और जनसंख्या का वितरण भी अलग है। यदि ये इलाका नए राज्य के रूप में सामने आएगा तो इस क्षेत्र के विकास में तेजी आएगी।

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