IND vs SA : भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच सीरीज 26 दिसंबर से सीरीज शुरू हो रही है। जिसमें टीम इंडिया साउथ अफ्रीका के खिलाफ तीन मैचों की टेस्ट सीरीज और उसके बाद वनडे सीरीज भी खेलेगी। इस सीरीज से पहले कई विवाद उभर कर सामने आ रहे हैं। दरअसल, भारत का साउथ अफ्रीका दौरा कई दिनों से विवादों में है। खबर है कि विराट कोहली ने वनडे सीरीज से नाम वापस ले लिया है, तो रोहित शर्मा चोट की वजह से टेस्ट सीरीज से बाहर हो गए हैं। इस पूरे बवाल पर भारतीय क्रिकेट प्रेमी भड़क गए हैं।
टीम इंडिया के टेस्ट कप्तान विराट कोहली और वनडे/टी-20 के कप्तान रोहित शर्मा के बीच मनमुटाव की खबरें चल रही हैं। हाल ही में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने विराट कोहली से वनडे कप्तानी और अजिंक्य रहाणे से टेस्ट उपकप्तानी छीनकर रोहित शर्मा को कप्तान बनाया था। इसके बाद हआं कुछ कि रोहित शर्मा दक्षिण अफ्रीका दौरे से पहले चोटिल हो गए और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ होने वाली टेस्ट सीरीज से बाहर हो गए। ऐसे में अब रोहित के वनडे सीरीज में खेलने पर भी सवाल खड़ा हो गया है।
बता दें कि वनडे टीम की कप्तानी से हटाए जाने के बाद विराट कोहली ने कथित तौर पर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज से अपना नाम वापस ले लिया है। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है। वैसे विराट टेस्ट टीम का हिस्सा हैं और उसके कप्तान भी है।
क्या भारतीय टीम में सब कुछ ठीक है?
बता दें कि विराट से कप्तानी छीनकर रोहित शर्मा को कप्तान बनाए जाने पर यह सारा विवाद खड़ा हुआ है। विराट कोहली के फैंस भी इस फैसले से बहुत नाराज़ हैं। जबकि बीसीसीआई ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि हम सफेद गेंद के खेल के लिए यानी वनडे और टी20 में दो अलग अलग कप्तान नहीं रख सकते। चूंकि विराट कोहली पहले ही टी-ट्वेंटी कप्तान के पद को छोड़ चुके थे ऐसे में अब उनको हाथों से वनडे से भी कप्तानी छिन ली है।
अब विराट कोहली का अचानक यूं वनडे सीरीज से पहले नाम वापस लेने से बीसीसीआइ की मुश्किल बढ़ गई है। ऐसे में बड़ा सवाल ये भी है कि विराट ने ये कदम क्यों उठा रहे हैं? क्या विराट कोहली किसी बात से या किसी व्यक्ति से नाराज़ हैं? यह सबसे बड़ा सवाल है। इससे पहले भी कोहली और रोहित के खराब संबंधों को लेकर खबरें आती रही हैं।
हालांकि बता दें कि बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, “कोहली ने एकदिवसीय मैचों में नहीं खेलने को लेकर अब तक बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली या सचिव जय शाह को कोई औपचारिक आग्रह नहीं भेजा है। अगर बाद में कोई फैसला किया जाता है तो फिर अलग बात है”