पिता योगराज ने इन्हें ठहराया युवी का करियर खत्म करने का जिम्मेदार, बोले- कभी नहीं करूंगा माफ

yograj singh blame greg chappell for destroying yuvraj career

हाल ही में मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब युवराज सिंह ने संन्यास लेने की घोषणा की तो उनकी पत्नी हेजल और मां सबनम वहां मौजूद थीं। लेकिन इस दौरान युवराज के पिता योगराज सिंह नहीं थे। हालांकि अपनी स्पीच में युवराज अपने पिता का जिक्र करना नहीं भूले, युवराज ने कहा कि मेरे साथ वे सब लोग मौजूद हैं जिनसे मैं बहुत प्यार करता हूं। सिर्फ मेरे पिता नहीं हैं। बता दें कि युवराज के सफल क्रिकेटर बनने के पीछे उनके पिता का बहुत बड़ा हाथ है।

योगराज ही वो शख्स है जिनकी बदौलत भारतीय क्रिकेट को युवराज जैसा शानदार खिलाड़ी मिला। लेकिन योगराज सिंह को अभी भी एक चीज का मलाल है, उनका मानना है कि युवराज सिंह अपने करियर में और अच्छा कर सकते थे लेकिन एक व्यक्ति ने उनका करियर खत्म कर दिया।

योगराज ने कोच ग्रैग चैपल पर लगाया आरोप :

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अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में योगराज सिंह ने कहा कि, “जब ग्रैग चैपल टीम के कोच थे तब खो-खो खेलते वक्त अगर युवराज को घुटने में चोट नहीं लगती तो वह वनडे और टी-ट्वेंटी के सभी रिकाॅर्ड तोड़ देता। मैं इसके लिए चैपल को कभी मांफ नहीं करूंगा।” युवराज और उनके पिता के रिश्ते ज्यादा अच्छे नहीं रहे हैं। हालांकि थोड़े दिन पहले युवराज ने स्पष्ट किया था कि उन्होंने अपने पिता से बात कर सभी मुद्दों को खत्म कर दिया है।

युवराज के पिता ने कहा कि, “मेरे बेटे ने घुटने की चोट और कैंसर जैसी बीमारी को मात देकर एक चैंपियन की तरह मैदान पर वापसी की। इसके लिए मैं अपने बेटे को सलाम करता हूं , और चाहता हूं कि अगले जन्म में भी मुझे युवराज जैसा बेटा मिले।

युवराज के संन्यास से खुश नहीं हैं पिता :

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बता दें की युवराज के संन्यास लेने के फैसले से उनके पिता (Yograj Singh) बिल्कुल नाखुश हैं क्योंकि उनको लगता है कि युवराज को एक विदाई मैच खेलने का मौका जरूर मिलना चाहिए था जिससे वह मैदान में बल्ला उठाकर फैंस का शुक्रिया अदा करते हुए संन्यास लेता, यह अच्छा होता। बता दें कि रोहित शर्मा ने भी अपने ट्वीट में कहा था कि युवराज एक विदाई मैच के हकदार थे।

क्रिकेट से नफरत करते थे युवराज सिंह :

बचपन में युवराज सिंह को क्रिकेट खेलने में कोई दिलचस्पी नहीं थी, वे क्रिकेट से नफरत करते थे। उनके पिता के मुताबिक युवराज हमेशा स्केटिंग और टेनिस खेलने में लगे रहते थे। लेकिन उनके पिता चाहते थे कि युवी क्रिकेटर बने। इसलिए वे युवराज के स्केट और टेनिस रैकेट तोड़ देते थे। इससे युवराज को काफी गुस्सा आता था और अपने पिता को ड्रैगन सिंह कहकर बुलाते थे साथ ही अपने घर को जेल कहते थे।

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योगराज ने धीरे-धीरे युवराज को क्रिकेट में रूचि लेना सिखाया और रोज स्टेडियम में अभ्यास कराने ले जाते जहां वो युवराज को डेढ़ घंटे दौड़ाते थे। उनके पिता चाहते थे कि उनको खोया हुआ सम्मान वापिस मिले। योगराज ने बताया “40 साल पहले मुझे भारतीय टीम से हटा दिया गया था और तब से मेरे दिल में वो दर्द था। मैं उसी दर्द के साथ जी रहा था। मेरी मां मुझसे कहती थी कि तू युवराज को क्रिकेटर बनाने के चक्कर में उसकी जिंदगी बर्बाद कर रहा है।” जब उनके पिता को युवराज के कैंसर के बारे में पता चला तो वे बंद कमरे में काफी रोए थे और भगवान से प्रार्थना की थी कि वह जल्द ठीक हो जाएं।

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