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अंधविश्वास नहीं विज्ञान, जानिए 20 हिन्दू परंपरा और उनके पीछे छिपे वैज्ञानिक कारण

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अगर यह कहा जाए कि भारत की संस्कृति और सभ्यता दुनिया की सबसे धनी और सभ्य है तो यह गलत नहीं होगा। इसका उदाहरण भारतीय ग्रंथों और पुराणों में देखने को मिलता है। भले ही आज हम कितने भी आधुनिक क्यों न हो जाए लेकिन कुछ परम्परा और रिवाज़ ऐसे है जो आज भी निभाए जाते है। आइये आज हम 20 हिंदू रीति-रिवाजों के बारें में जानते हैं और उनका वैज्ञानिक महत्व भी आपको बताते हैं..

1- दोनों हाथों को जोड़कर नमस्कार करना

हम भारतीय जब किसी से मिलते हैं तो अभिवादन के स्वरुप उसे हाथ जोड़कर नमस्कार करते हैं। यह किसी भी अपरिचित और मेहमान से परिचय की शुरुआत करने का पहला चरण होता है। इसका वैज्ञानिक महत्व भी होता है। जब दोनों हाथों को जोड़कर नमस्कार किया जाता है तो अंगुलियों के टिप्स आपस में जुड़ जाते हैं। यह टिप्स कानों, आँखों और दिमाग के प्रेशर पॉइंट होते हैं। जब दोनों हाथों को जोड़कर नमस्कार किया जाता है तो प्रेशर पॉइंट सक्रिय हो जाते हैं जिससे आप किसी व्यक्ति को लम्बे समय तक याद रखते हैं।

2- औरतों द्वारा बिछिया का पहनना

womens-toe-ring-and-payal पैर में बिछिया

बिछिया पैर की अंगूठी होती है। औरतों द्वारा बिछिया को पहनने का वैज्ञानिक महत्व यह है कि इससे खून का दौड़ा विनियमित रहता है। चांदी का बिछिया ध्रुवीय ऊर्जा को अवशोषित करके शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है।

3- माथे पर तिलक का लगाना

माथे पर तिलक लगाने का भी अपना महत्व है। यह शरीर को एकाग्र बनाए में मदद रखता है। इसके अलावा तिलक शरीर की ऊर्जा को नष्ट होने से बचाता है। आज भी जब भी कहीं पूजा होती है तो माथे पर तिलक जरूर लगाया जाता है।

4- नदी में सिक्के का फेंकना

अक्सर लोगों को नदी में सिक्के फेंकते हुए देखा जा सकता है। नदी में सिक्के को फेंकना किस्मत के लिए अच्छा माना जाता है। इसके पीछे वैज्ञानिक महत्व भी है क्योंकि जब हम सिक्के को नदी में फेंकते तो कॉपर के बने होने के कारण नदी के पानी से कॉपर मिल जाता है। नदी का पानी पीने के लिए उपयोग में लाया जाता है तो इससे शरीर में कॉपर का संतुलन बना रहता है।

5- मंदिरों में घंटी का लगना

Benefit Of Ringing Bell In Temple

दुनिया के लगभग हर मंदिर में घंटी जरूर होती है। यह मंदिर के द्वार पर लगी होती है। भक्त इसे मंदिर में जाते समय और मंदिर से निकलते समय बजाते हैं। घंटी बजाने का वैज्ञानिक महत्व यह है कि जब भी इसे बजाया जाता है तो इसकी गूँज 7 सेकंड तक रहती है, यही गूँज हमारे शरीर की सात हीलिंग केंद्रों को सक्रिय कर देती है। जिससे हमारे दिमाग में आने वाले सभी नकारात्मक विचार ख़त्म हो जाते हैं।

6- मसालेदार भोजन के बाद मीठे की खाने की परम्परा

अक्सर लोग खाना खाने के बाद मीठा खाना पसंद करते हैं। मसालेदार भोजन पाचक रस और एसिड को सक्रिय करने में मदद करता है जिससे शरीर में भोजन को पचाने की प्रक्रिया अच्छी तरह से चलती है। इसके बाद मीठा खाने से बनने वाले कार्बोहाइड्रेट पचे हुए भोजन को नींचे खींच लेते हैं।

7- हाथ और पैर में मेहँदी लगाना

ऐसा देखा गया है लड़का और लड़की शादी से पहले पैर और हाँथ में मेहँदी लगाते हैं। कहा जाता है कि मेहँदी लगाने से परेशानियाँ कम हो जाती है। इसलिए दूल्हा और दुल्हन को मेहँदी लगाई जाती है।

8- जमीन पर बैठ के खाना खाने की प्रथा

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खाना खाने की सबसे अच्छा तरीका बैठ कर खाना खाना होता है। इसके पीछे एक वैज्ञानिक कारण यह है कि जब बैठ कर खाना खाया जाता है तो शरीर शांत रहता है और भोजन पचाने की क्षमता बढ़ती है। इससे मस्तिष्क को संकेत जाता है कि भोजन पचने के लिए तैयार है।

9- उत्तर की तरफ सर रख के न सोना

हिन्दू धर्म में उत्तर की तरफ सर रखने सोना अशुभ माना जाता है। इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी दिया जाता है। कहा जाता है कि जब हम उत्तर की तरफ सर रख के सोते हैं तो पृथ्वी की तरह शरीर में चुंबकीय क्षेत्र होने के कारण यह विषम हो जाता है। इसकी वजह से शरीर में ब्लड प्रेशर, सर दर्द, संज्ञात्मक जैसी समस्यायों का सामना करना पड़ता है।

10- कानों में छेद करना

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भारत में कान छेदने की बहुत पुरानी परम्परा रही है। इसके पीछे यह वैज्ञानिक कारण दिया जाता है कि कान छेदने से बोली भाषा में संयम आता है। ऐसा करने से गंदे विचार और विकार मन में नहीं आते हैं।

11- सूर्य नमस्कार करना

जब भी योग की बात आती है तो सूर्य नमस्कार सबसे पहले ध्यान में आता है। योग के रूप में इसे काफी लम्बे से किया जाता रहा है। सूर्य नमस्कार करने से हमारी आँखें स्वस्थ रहती हैं। सूर्य नमस्कार हमारे शरीर को ऊर्जावान भी रखता है।

12- पुरुषों का सिर में चोटी का रखना

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मुंडन कराने के बाद सर के पीछे वाले भाग में चोटी रखने का रिवाज है। इस बारें में महान चिकित्सक और आर्युवेद के ज्ञाता सुश्रुति ऋषि ने कहा था कि इससे सिर के सभी नसों में गठजोड़ बना रहता है इस गठजोड़ को अधिपति मरमा कहा जाता है। यह बनायी गयी चोटी इस जगह की रक्षा करती है।

13- व्रत धारण करना

भारत में महिलाओं और पुरुषों द्वारा त्यौहार व अन्य मौकों पर व्रत रखने की बहुत पुरानी परम्परा है। इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण यह दिया जाता है कि मानव शरीर में 80% पानी होने से व्रत रखने पर शरीर में विवेक को बनाए रखने की क्षमता आती है। व्रत रखने का एक कारण यह भी होता है पाचन तंत्र को कुछ समय के लिए आराम दिया जाए।

14- झुककर चरण स्पर्श करना

चरण स्पर्श करना

भारतीय परम्परा में झुककर पैर छूना बड़ों के प्रति सम्मान व्यक्त करने और आशीर्वाद प्राप्त करने का उत्तम तरीका माना गया है। वैज्ञानिक कारण इसके पीछे यह होता है कि शरीर में मस्तिष्क से लेकर पैरों तक नसें होती है। जब किसी के पैर छूते हैं तो शरीर की ऊर्जा शक्ति आपस में जुड़ जाती है। इससे शरीर में ऊर्जा आ जाती है।

15- विवाहित महिलाओं का सिन्दूर लगाना

भारत में हिन्दू महिलायें शादी के बाद माथे में बीच मांग में सिन्दूर लगाती है। यह विवाह की एक निशानी होती है। क्योंकि सिन्दूर हल्दी-चूने और पारा धातु के मिश्रण से बना होता है इसलिए इसे लगाने से ब्लड प्रेशर में नियंत्रण आता है। सिन्दूर में पारा मिला होने के कारण यह शरीर को दबाव और तनाव से मुक्त रखने में मदद रखता है।

16- पीपल के पेड़ की पूजा करना

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जैसा कि हम सभी जानते हैं पीपल के पेड़ में न तो फल लगता है और न ही फूल, फिर भी हिन्दू धर्म में इसे पवित्र माना गया है। लोग पीपल के पेड़ पूजा भी करते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि पीपल ही एकमात्र ऐसा पेड़ है जो दिन के 24 घंटे वायुमंडल में आक्सीजन छोड़ता है। इसलिए किवदंती है कि इस पेड़ के महत्व के कारण हिन्दू धर्म में इतना पवित्र माना गया है जिसकी वजह से लोग इसकी पूजा करते हैं।

17- तुलसी के पेड़ की पूजा

पीपल के अलावा भारत में तुलसी के पेड़ को पूजने की बहुत पुरानी परम्परा रही है। इसे महिलाओं द्वारा माँ की तरह पूजा जाता है। वैसे तुलसी एक प्रकार से औषधि है। यह कई बीमारियों का समाधान भी करती है। कहा जाता है जहाँ तुलसी का पेड़ रहता हैं वहां की वायु शुद्ध रहती है। तुलसी के पेड़ को घर में रखने से घर में मच्छर और कीड़े मकौड़े नहीं आते हैं।

18- मूर्ति पूजन

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हिन्दू धर्म में मूर्ति की पूजा को सबसे ज्यादा महत्ता दी गयी है। वैज्ञानिकों का मानना है कि मूर्ति की पूजा करने से प्रार्थना में एकाग्रता आती है। व्यक्ति मूर्ति को साक्षात मानके भगवान् की कल्पना करता है। इससे उसका दिमाग एक अलग ब्रह्माण्ड के बारें में सोचता है। इससे व्यक्ति की सोच विचार और अदृश्य शक्ति में विश्वास करने की क्षमता बढ़ती है।

19- औरतों का चूड़ी पहनना

भारतीय महिलाओं के हाथों में चूड़ी और कंगन आमतौर पर देखा जा सकता है। इसके पीछे शोधकर्ताओं का मानना है कि कलाई शरीर का वह हिस्सा है जिससे व्यक्ति की नाड़ी को चेक किया जाता है। इसके अतिरिक्त शरीर के बाहरी स्किन से गुजरने वाली बिजली को चूड़ियों की वजह से जब रास्ता नहीं मिलता है तो यह वापस शरीर में चली जाती है जिससे शरीर को फायदा होता है।

20- मंदिर में जाना

मंदिर का वातावरण एक मनोवैज्ञानिक प्रभाव पैदा करता है जो वांछित उद्देश्य पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। मंदिर एक ऐसा स्थान है जहां लोग मानते हैं कि भगवान मौजूद हैं। यही कारण है कि भगवान अपने भक्तों की खातिर मंदिरों में प्रकट होते हैं। मंदिर में जाने से घंटों और मन्त्रों की ध्वनि से शरीर में तरंगे उत्पन्न होती है जो हमारी तंत्रिका तंत्र को भावों को समझने में मजबूत बनाती हैं। मंदिर जाने से हमारे आसपास पूरे दिन सकारात्मकता रहती है जिससे हम अपना काम ढंग से करते हैं।

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IPL ने बदल दी इन 4 क्रिकेट खिलाड़ियों की जिंदगी, गुमनाम टैलेंटेड खिलाड़ियों को कर दिया मालामाल

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क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है। यह इसलिए भी कि न केवल इसमें रिजल्ट को लेकर अनिश्चितता बनी रहती है बल्कि इसे खेलने वाले खिलाड़ी भी अपने प्रदर्शन को लेकर अनिश्चित रहते हैं। इस खेल में एक अच्छे से अच्छा बैट्समैन भी 0 रन पर आउट हो सकता है। क्रिकेट इतिहास में कई ऐसे रिकॉर्ड बने है जो तोड़े नहीं जा सकते है। ऐसे कई खिलाड़ी हुए है, जिनकी तरह कोई और दूसरा खिलाड़ी नहीं हो सकता है। भारत में क्रिकेट बहुत फेमस है। यहाँ पर क्रिकेट को धर्म माना जाता है और क्रिकेटर को भगवान। इसका उदाहरण भारतीयों की दीवानगी और सचिन तेंदुलकर है।

जब से भारत में इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की शुरुआत हुई है तब से कई क्रिकेटर की किस्मत चमकी है। बात चाहे शोहरत की हो या दौलत की, कुछ क्रिकेटर ऐसे हैं जो अर्श से उठकर फर्श तक आये है और पूरे वर्ल्ड क्रिकेट पर इन्होंने अपनी पहचान और धाक जमाई है। आइये आज हम ऐसे ही 4 क्रिकेटरों के बारें में जानते हैं जिनका सितारा रातों रात चमका।

1- वरुण चक्रवर्ती

Varun Chakravarthy (वरुण चक्रवर्ती)

वरुण चक्रवर्ती (जन्म 29 अगस्त 1991) एक भारतीय क्रिकेटर हैं। इन्होंने 20 सितंबर 2018 में विजय हजारे ट्रॉफी में तमिलनाडु के लिए अपना फर्स्ट क्लास डेब्यू किया। वह 2018-19 में विजय हजारे ट्रॉफी में तमिलनाडु के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज थे। वरुण चक्रवर्ती उस समय चर्चा में आये जब किंग्स इलेवन पंजाब ने उन्हें 8.4 करोड़ की राशि में खरीदा। यह रकम उनकी बेस प्राइस का 40 गुना थी।

अगर वरुण के छोटेपन की बात की जाए तो उन्होंने क्रिकेट खेलना बचपन से ही शुरू कर दिया था। फिर कुछ ऐसा हुआ कि उन्होंने इस खेल को 12वीं क्लास में छोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने 5 साल का आर्किटेक्ट का कोर्स किया। फिर एक फर्म में दो साल तक काम किया। 25 साल के होने पर वरुण ने क्रिकेट खेलने का फैसला किया और मालामाल गए। वरुण की यह कहानी उनके लिए एक प्रेरणा है जो जॉब भी करते हैं और क्रिकेटर भी बनना चाहते हैं।

2- जयदेव उनादकट

Jaydev Unadkat (जयदेव उनादकट)जयदेव उनादकट (Jaydev Unadkat) आईपीएल 2019 के सबसे महंगे गेंदबाज़ रहे हैं। राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें 8.4 करोड़ की राशि में खरीदा था। जयदेव का पूरा नाम जयदेव दीपक भाई उनादकट है। इनका जन्म 18 अक्टूबर को पोरबंदर में हुआ था। इनकी क्रिकेटिंग प्रतिभा को इनके स्कूल कोच राम अदेदरा ने पहचाना था।

जयदेव भारतीय क्रिकेट टीम की तरफ से भी खेल चुके हैं। इसके अलावा वह इंडिया ए, दिल्ली डेयरडेविल्स, कोलकाता नाइट राइडर्स, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के लिए खेल चुके हैं। अभी घरेलु मैच सौराष्ट्र की तरफ से खेलते हैं। जब यह कोलकाता की तरफ से आईपीएल खेल रहे थे तब गेंदबाज़ी कोच वसीम अकरम ने इनकी प्रतिभा को निखारा और इनकी गेंदबाज़ी में निखार लाया।

3- सौरभ तिवारी

Saurabh Tiwary (सौरभ तिवारी)

सौरभ सुनील तिवारी (जन्म 30 दिसंबर 1989) एक भारतीय एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय और प्रथम श्रेणी क्रिकेटर हैं। तिवारी बाएं हाथ के मध्य क्रम के बल्लेबाज हैं। वह मलेशिया में 2008 U/19 क्रिकेट विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम के प्रमुख बल्लेबाजों में से एक थे। सौरभ (Saurabh Tiwary) जमशेदपुर के रहने वाले हैं। अंडर-19 वनडे विश्व कप 2008 की विजेता टीम का हिस्सा रहे सौरभ तिवारी ने 2010 में मुंबई इंडियंस के लिए शानदार खेल दिखाया था।

सौरभ 2008 में मुंबई इंडियंस से जुड़े थे। इसके बाद 2011 में वह रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की तरफ से खेलते हुए वह दिल्ली डेयरडेविल्स, राइजिंग पुणे सुपरजॉइंट्स से होकर फिर मुंबई इंडियंस में आ गए। 2011 में RCB ने सौरभ तिवारी को $1.6 मिलियन की कीमत पर खरीदा था। इसके तीन साल बाद 2014 में उनको दिल्ली डेयरडेविल्स ने 70 लाख में अपनी टीम में शामिल किया।

2017 में वह आईपीएल जीतने वाली टीम मुंबई इंडियंस का हिस्सा थे। इस साल अंतिम लीग मैच में उन्होंने शानदार पारी खेली थी। भले ही मुंबई इस साल का खिताब जीत गयी लेकिन सौरभ को फिर नहीं खरीदा। सौरभ आईपीएल में कई टीमों की तरफ से खेले इसका असर उनके करियर पर पड़ा। शानदार पारियां खेलने के बाद भी आज सौरभ तिवारी गुमनाम से हैं।

4- क्रुनाल पांड्या

Krunal Pandya (क्रुनाल पांड्या)

हार्दिक पांड्या के भाई क्रुनाल पांड्या (Krunal Pandya) आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है। क्रुनाल हिमांशु पांड्या (जन्म 24 मार्च 1991) एक भारतीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर हैं। वह एक ऑलराउंडर है, जो बाएं हाथ से बल्लेबाजी करते है और बाएं हाथ से ऑर्थोडॉक्स स्पिन गेंदबाज़ी करते है।

क्रुनाल घरेलू क्रिकेट में बड़ौदा और आईपीएल में मुंबई इंडियंस के लिए खेलते हैं। उन्होंने नवंबर 2018 में भारतीय क्रिकेट टीम के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया। क्रुनाल ने 2016 में आईपीएल में डेब्यू किया। तब से वह मुंबई के लिए एक प्रमुख खिलाड़ी रहे हैं। मुंबई ने उन्हें 2016 में 2 करोड़ रुपये में खरीदा था।

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ऐसा देखा गया है कि क्रिकेट में अक्सर बल्लेबाज़ों की बात की जाती है। वहीं अगर कुछ बात बाकी रह जाती है तो वह गेंदबाज की होती है। इसके बाद फील्डर की बात आती है। लेकिन टीम में सबसे बड़ा फील्डर जो होता है वह विकेटकीपर होता है। अगर कहा जाए कि क्रिकेट में विकेटकीपर और अम्पायर का काम सबसे मुश्किल होता है, तो यह गलत नहीं होगा।

कभी कभी विकेटकीपर गेंदबाज के लिए खुद रणनीति बनाता है क्योकि वह विकेट के पीछे से देख रहा होता है कि बल्लेबाज़ किस तरह से खेल रहा है और अगर इसे आउट करना है तो गेंदबाज़ को किस तरह से गेंदबाज़ी करनी है। अगर किसी भी टीम के पास अच्छा विकेटकीपर हो तो उस टीम के जीत के आंकड़े बढ़ जाते है। कभी कभी ऐसा भी होता है कि टीम का कप्तान जब विकेटकीपर हो तो फील्डिंग पर सारी रणनीति वही तैयार करता है। पूरी दुनिया ने यह तकनीक भारत के विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी की देखी है। आइये आज दुनिया के 10 सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर के बारें में जानते है-

1- मार्क बाउचर (दक्षिण अफ्रीका)

Mark Boucher

दुनिया के सबसे सफलतम विकेटकीपर की बात अगर आती है तो इसमें दक्षिण अफ्रीका के मार्क बाउचर का नाम सबसे पहले आता है। मार्क वेरडन बाउचर एक दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट कोच और पूर्व क्रिकेटर हैं इन्होने खेल के तीनों प्रारूप खेले हैं। बाउचर को अब तक के सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर बल्लेबाजों में से एक माना जाता है। एक विकेट कीपर द्वारा 532 कैच और 555 टोटल आउट होने के साथ उन्होंने सर्वाधिक टेस्ट आउट करने का रिकॉर्ड मार्क बाउचर ने बनाया है। मार्क ने अपने क्रिकेट करियर में 979 शिकार किये हैं। साल 2012 में इंग्लैंड दौरे पर उनकी आँख में चोट लगने से उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कहने का फैसला किया।

2- एडम गिलक्रिस्ट (ऑस्ट्रेलिया)

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क्रिकेट खेल के इतिहास में सबसे बड़े विकेट कीपर-बल्लेबाज के रूप में गिलक्रिस्ट जाने जाते हैं। इनके नाम वनडे इंटरनेशनल (ODI) क्रिकेट में विकेट कीपर द्वारा सबसे अधिक शिकार करने का रिकॉर्ड 2015 था। इसके बाद कुमार संगकारा इनसे आगे निकल गए। गिलक्रिस्ट ऑस्ट्रेलिया के सफलतम विकेटकीपर है। इनके नाम कुल 888 इंटरनेशनल शिकार दर्ज है।

3- महेंद्र सिंह धोनी (भारत)

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भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर की लिस्ट में तीसरे नम्बर पर आते है। धोनी के नाम पर इंटरनेशनल मैचों में कुल 829 शिकार दर्ज है। धोनी के नाम पर वनडे क्रिकेट में 123 स्टंपिंग करने का रिकॉर्ड दर्ज है। धोनी क्रिकेट इतिहास में सबसे सफल कप्तानों में से एक गिने जाते है। धोनी अपने कूल स्वाभाव के लिए जाने जाते है।

4- कुमार संगकारा (श्रीलंका)

Kumar Sangakkara Sri Lanka

श्रीलंका के पूर्व कप्तान कुमार संगकारा ने क्रिकेट के तीनो फार्मेटों में कुल मिलाकर 748 बल्लेबाज़ों का शिकार किया है। संगकारा क्रिकेट इतिहास के सबसे ज्यादा रन बनाने वाले विकेटकीपर हैं। टेस्ट में इन्होने 12400 और वनडे में 14234 रन बनाएं हैं।

5- इयान हिली (आस्ट्रेलिया)

ऑस्ट्रलिया के इयान हिली को सफलतम विकेटकीपर में पांचवें स्थान पर गिना जाता है। इयान हिली साल 1988 में क्रिकेट में डेब्यू किया था। इन्होने रोड मार्श, जोकि ऑस्ट्रेलिया के बेहतरीन विकेटकीपर रह चुके, रिटायर होने के बाद विकेट के पीछे ऑस्ट्रेलिया के लिए जिम्मेदारी संभाली हैं। इनके नाम पर कुल 628 शिकार दर्ज हैं। टेस्ट क्रिकेट में इन्होने 395 तो वनडे क्रिकेट में 233 शिकार किये हैं।

6- ब्रेंडन मैक्कलम (न्यूज़ीलैंड)

Brendon McCullum

न्यूज़ीलैंड के पूर्व कप्तान रह चुके महानतम विकेटकीपर की लिस्ट में 6वें नम्बर पर आते हैं। मैक्क्लम ने क्रिकेट के तीनों में फार्मेटों में न्यूज़ीलैंड के लिए 530 खिलाडियों का शिकार किया है। विकेटकीपिंग के अलावा मैक्कलम अपनी धमाकेदार बल्लेबाज़ी के लिए जाने जाते हैं। यह न्यूज़ीलैंड के सबसे सफल कप्तानों में से एक हैं।

7- रोड मार्श (ऑस्ट्रेलिया)

Rod Marsh

रोड मार्श सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर की लिस्ट में 7वें नम्बर पर आते हैं। इनके नाम पर इंटरनेशनल क्रिकेट में 479 शिकार दर्ज हैं। मार्श अपनी चुस्ती, फुर्ती अरु मुस्तैदी के लिए जाने जाते हैं। इनके नाम फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 800 शिकार दर्ज हैं। मार्श 70 और 80 के दशक के सबसे अच्छे विकेटकीपर में से एक गिने जाते थे।

8-मोईन खान (पाकिस्तान)

Moin Khan

मोईन खान को पाकिस्तान का सबसे सफल विकेटकीपर माना जाता है। मोईन ने अपने इंटरनेशनल करियर में विकेट के पीछे 434 खिलाडियों का शिकार किया है। मोईन पाकिस्तान के कप्तान भी रह चुके हैं।

9- एलेक स्टीवर्ट (इंग्लैंड)

Alec Stewart (एलेक स्टीवर्ट)

एक ऐसा भी वक़्त था जब एलेक स्टीवर्ट को दुनिया का सबसे अच्छा विकेटकीपर माना जाता था। इनके नाम पर इंटरनेशनल क्रिकेट में कुल 404 खिलाडियों को आउट करने का रिकॉर्ड है। जैक रसेल के रिटायर होने के बाद इंनलैंड के विकेट के पीछे जिम्मेदारी एलेक स्टीवर्ट ने ही संभाली थी।

10- एंडी फ्लावर (ज़िम्बाम्बे)

Andy Flower (एंडी फ़्लॉवर)

ज़िम्बाम्बे के पूर्व कप्तान और सबसे सफल खिलाड़ी रहे एंडी फ्लावर महानतम विकेटकीपर की लिस्ट में 10वें नम्बर पर आतें हैं। इनके नाम इंटरनेशनल क्रिकेट में 316 खिलाडियों को आउट करने का रिकॉर्ड है। एंडी फ्लावर ने इंग्लैंड और भारत जैसी टीमों की कोचिंग भी दी है। इन्होंने ज़िम्बाम्बे के लिए 11 साल क्रिकेट खेला।

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लव मैरिज के लिए पार्टनर के घरवालों से बात करने जा रहे हैं तो इन 5 बातों का रखें विशेष ध्यान

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लड़के, लड़कियों को तो बहुत आसानी से इम्प्रेस कर लेते हैं लेकिन जब बात आती है लड़की के माँ-बाप से बात करने की तो सभी के हाथ-पाँव फूल जाते हैं। यह मौका तब आता है जब लड़के को लड़की के माँ बाप से उसका हाथ माँगना होता है। बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड जब शादी को लेकर सहमत होते है तो लड़के को लड़की के घरवालों को और लड़की को लड़के के घरवालों को इम्प्रेस करना पड़ता है। कभी-कभी ऐसा होता है कि लड़की लड़के को चाहे जितना अच्छा माने लेकिन उसके घरवाले लड़के को रिजेक्ट कर देते हैं। ऐसा पार्टनर के माँ-बाप द्वारा कई बार देखने को मिलता है। कभी लड़की रिजेक्ट हो जाती है तो कभी लड़का।

किसी भी रिश्ते को शुरू करने से पहले यह जरूरी है कि आप उसकी अच्छी शुरुआत करें। ज्यादातर मौकों पर देखा गया है लड़के ऐसे मामलों में ज्यादा पड़ते है जहाँ उन्हें लड़की के घरवालों को इम्प्रेस करना पड़ता है तब जाकर लड़की के घरवाले उसके परिवार से मिलने को राजी होते है। लड़की अपने घरवाले को चाहे जितना लड़के के बारें में अच्छा बता दें लेकिन माँ-बाप लड़के से मिलकर ही संतुष्ट होते हैं। यही चीज लड़कियों पर भी लागू होती है उन्हें भी लड़कों के घरवालों को इम्प्रेस करना होता है।

आज हम आपको पांच ऐसी बातें बताने जा रहे है जिसको ध्यान में रखने पर आप अपने पार्टनर के घरवालों को लव मैरिज के लिए आसानी से इम्प्रेस कर पाएंगे।

1- अपने पार्टनर के माँ-बाप के बारें में पहले जान लें

How To Convince Your Parents For Love Marriage
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अगर आप अपने पार्टनर के माता-पिता से पहली बार मिलने जा रहें हैं तो पहले अपने पार्टनर से उनके बारें में जान लें। उनका व्यवहार कैसा है, उन्हें क्या पसंद है? आदि। अगर आप लड़की हैं तो अपने बॉयफ्रेंड से यह जान लें कि उसके घरवालों की सोच कैसी है। उन लोगों को कैसी लड़की पसंद हैं ? यही बात लड़कों को लड़की से जान लेनी चाहिए कि उसके घरवालों को कैसा लड़का पसंद है?

2- पहली मुलाक़ात में शानदार तोहफा ले जाएं

चाहे आप लड़की हो या लड़का अगर आप अपने पार्टनर के पैरेंट्स से पहली बार मिल रहें हैं तो अपने साथ उनके लिए एक तोहफा जरूर ले जाएं। यह तोहफा बुके या मिठाई हो सकती है। इससे उन्हें लगेगा कि आप उनकी फ़िक्र करते हैं। इससे आप उनपर अपना फर्स्ट इम्प्रेशन अच्छा जमा सकते हैं। क्योंकि कहा गया है कि ‘फर्स्ट इम्प्रेशन इस लास्ट इम्प्रेशन’। इसलिए गिफ्ट ले जाने में कोई कंजूसी न करें।

3- जो भी पहन के जाएं उसका रखें ख़ास ख्याल

Gifts for Girlfriends parents
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ध्यान रखें जब भी किसी की नज़र आप पर पड़ती है तो सबसे पहले वह आपके कपड़ों को देखता है। हमेशा ऐसे कपड़ें पहन के अपने पार्टनर के घर जाएं जो आप पर सही जचते हों। पहनावा आपका ऐसा होना चाहिए जिससे उन्हें लगे कि आप एक सभ्य इंसान हैं। ज्यादा फैशनेबल कपड़े न पहन के जाएं क्योकि आप अपने पार्टनर के पेरेंट्स को इम्प्रेस करने जा रहें हैं न कि किसी फैशन शो में।

4- संस्कारी बनें

पार्टनर के पैरेंट्स को इम्प्रेस करना किसी इंटरव्यू को क्लियर करने जैसा होता है। इसलिए जब भी उनसे बात करें एकदम संस्कारी होके बात करें। ज्यादा न हाँके। क्योंकि ज्यादा हाँकने पर उन्हें पता चल जायेगा। उनसे इधर-उधर की बातें न करें। ऐसे बतियाये जैसे लगे कि आप एक सभ्य और संस्कारी परिवार से ताल्लुक रखते हैं।

5- सलीके से बात करें

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वैसे कहा जाता है कि जब भी किसी अपने बड़े से बात करें तो उन्हें ‘आप’ लगा के बात करें। ऐसे में जब किसी को इम्प्रेस करने की बात आती है तो उनसे ‘आप’ लगाकर ही बात करें, साथ ही अगर आप तीसरे बन्दे के बारें में बात कर रहें है तो उन्हें भी सम्मान के साथ सम्बोधित करें। आपके बात करने का लहजा बहुत ही नरम होना चाहिए।

यह भी ध्यान रखें कि पार्टनर के पैरेंट्स से पहली मुलाक़ात में ज्यादा जल्दबाजी न करें। मुलाक़ात को पूरा टाइम दें। उनसे मिलते और विदा लेते समय उनके पैर छूना न भूलें।

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साड़ी पहनते समय महिलाएं करती हैं यह 5 गलतियां, जाने साड़ी पहनने का सही तरीका

साड़ी भारतीय परम्परा का वह परिधान है जिसे भारत की हर लड़की पसंद करती है। चाहे ज़माना कितना भी मॉर्डन क्यों न हो जाए साड़ी को पहनने की परम्परा कभी भी पुरानी नहीं हो सकती है। साड़ी ही एक ऐसा वस्त्र है जो लड़की को एक पूरी औरत बनाती है। साड़ी पहनने से हर एक लड़की एक सम्पूर्ण नारी होती है, जिसमे संस्कार, कर्तव्य के प्रति आस्था और संस्कृति के प्रति सम्मान झलकता है।

साड़ी को महिलाएं शादी, पूजा और अन्य समारोहों में पहन कर जाती हैं। साड़ी को पहनने से हर महिला का अलग लुक निखर के आता है। कहा जाता है एक महिला तब तक सम्पूर्ण नहीं होती है जब तक वह साड़ी न पहनें। हालांकि जमाने के हिसाब से साड़ी पहनने का स्टाइल जरूर बदला है लेकिन जो आभा इससे आती है वह शायद सदियां बीत जाए तो भी नहीं जा सकती है।

bengali saree kaise banate hain
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चाहे ग्लैमर वर्ल्ड हो या राजनीति, साड़ी एक तरह से व्यक्ति विशेष का सिंबल बन गया है। बॉलीवुड ने साड़ी पहनने के चलन को पूरी दुनिया में बढ़ाया है। कंगना रनौत, रेखा और विद्या बालन जैसी तमाम अभिनेत्री हैं जो अपने साड़ी के प्रति प्यार के लिए जानी जाती है।

वैसे जगह के हिसाब से साड़ी पहनने का अलग-अलग तरीका और चलन है। साड़ी पहनना कोई आसान काम नहीं होता है। अगर इसे ढंग से न पहना जाए तो बहुत फूहड़ लगता है। आइये आज हम साड़ी पहनने का सही तरीका जानते हैं जिससे साड़ी और आप का लुक अलग तरह से निखरे। जानें saree kaise bandhe

बहुत ज्यादा ज्वैलरी न पहनें

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साड़ी पहनते समय ध्यान रखें कि ज्यादा ज्वैलरी न कैरी करें। जैसी साड़ी हो उसी हिसाब से ज्वैलरी पहनें। अगर साड़ी भारी और चमकीली है तो ज्वैलरी को कम ही पहनना चाहिए। कभी भी ज्वैलरी इतना न पहनें कि साड़ी ही फूहड़ लगे।

साड़ी पहनने का सही तरीका चुनें

कभी भी किसी को देखकर साड़ी पहनना न शुरू करें, पहले इसे पहनने के तरीके के बारें में जाने, प्रैक्टिस करें और पहनकर चलें। कमर के हिसाब से भी साड़ी के निखरने में अलग लुक आता है। इतना ध्यान रखें कि इसे कमर से कितना ऊपर और नीचें बांधें। नाभि के ऊपर या नीचे बाँधने से भी इसका अलग लुक अलग आता है। इसलिए हमेशा साड़ी सही तरीके से पहनें।

हैंडपर्स और बैग कैसे कैरी करें ?

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साड़ी पहन लेना ही बड़ी बात नहीं होती है उसके साथ कैसा हैंडपर्स या बैग जंचेगा यह भी मायने रखता है। जब साड़ी नयी हो तो बैग भी नया होना चाहिए। अगर मुमकिन हो तो साड़ी के कलर के हिसाब से हैण्डपर्स लेकर चलें।

साड़ी के साथ सही जूतें

जैसा कि सभी जानते हैं कि साड़ी पहनने के बाद नीचे पैर नज़र नहीं आते हैं। लेकिन फिर भी एहतियातन आप ऐसे चप्पलों या सैंडल का चुनाव करें जो साड़ी के ऊपर अच्छे से जंचे। अगर साड़ी के मैचिंग का फुटबियर रहेगा तो यह साड़ी के लुक पर यह सोने पे सुहागा जैसा होगा।

ब्लॉउज का सही चयन

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अच्छे ब्लॉउज के बिना अच्छी से अच्छी साड़ी भी फूहड़ लगती है। अगर ब्लॉउज साड़ी की मैचिंग के हिसाब से हो तो साड़ी का लुक बहुत शानदार निखरकर आता है। साड़ी के हिसाब से ब्लॉउज की फिटिंग भी सही होनी चाहिए।

ब्लॉउज के अलावा साड़ी का एक और महत्वपूर्ण अंग होता है वह है पेटीकोट। पेटीकोट का भी साड़ी के हिसाब से चुनाव करें। अलग-अलग रंग के साड़ी और पेटीकोट नहीं होने चाहिए।

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आखिर क्यों ऋषभ पंत को टीम इंडिया में मिल रहे है बार-बार मौके, जानिए 3 मुख्य कारण

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इस समय भारतीय क्रिकेट टीम में किसी खिलाड़ी की बात हो रही है तो वह हैं ऋषभ पंत की। पंत की बात इसलिए हो रही है क्योंकि वह टीम में लगातार सेलेक्टर्स द्वारा बैक किये जा रहे हैं। वेस्टइंडीज के खिलाफ होने वाली वनडे और T-20 सीरीज में भी उन्हें मौका दिया गया है। पंत टीम में एक विकेटकीपर और बैट्समैन की हैसियत से खेलेंगे। उनके टीम में सेलेक्शन से कई फैंस हैरान और गुस्सा हुए क्योंकि वह हाल ही में बीती सीरीज में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए थे।

गौरतलब है कि ऋषभ पंत (Rishabh Pant) को महेंद्र सिंह धोनी का उत्तराधिकारी कहा जाता रहा है, पंत हालांकि बल्लेबाज़ तो अच्छे है लेकिन विकेटकीपिंग में धोनी से मात खा जाते हैं। लोग पंत की कीपिंग को धोनी से तुलना करते हैं। यही तुलना पंत को दबाव में डाल देती है और वह अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते है। लेकिन उन्हें सेलेक्टर्स का पूरा सपोर्ट है। चीफ सेलेक्टर MSK प्रसाद ने कहा है कि पंत को टाइम चाहिए वह आगे सीख जायेंगे।

सोशल मीडिया पर फैंस ने निकाली भड़ास :

Rishabh Pant Biography In Hindi

वहीं MSK प्रसाद का पंत को इस तरह से कई बार मौके देना क्रिकेट फैंस को अच्छा नहीं लग रहा है। लोग पंत की जगह संजू सैमसन और ईशान किशन को टीम में लाने की बात कर रहें हैं। जब संजू सैमसन को बांग्लादेश के खिलाफ बिना खिलाये ही टीम से बाहर कर दिया गया और पंत को ख़राब प्रदर्शन के बावजूद भी टीम में चुना गया तो फैंस ने प्रसाद के खिलाफ सोशल मीडिया पर खूब भड़ास निकाली थी।

हालांकि अब शिखर धवन के चोटिल होने के कारण संजू सैमसन को टीम में शामिल कर लिया गया है। आइये आज हम जानते हैं कि टीम मैनेजमेंट ऋषभ पंत पर इतना क्यों विश्वास दिखा रहा है, आखिर क्या कारण है कि उन्हें मौके पे मौके दिए जा रहें है?

1- महेंद्र सिंह धोनी के उत्तराधिकारी

जब से ऋषभ पंत ने इंटरनेशनल क्रिकेट खेलना शुरू किया तब से उन्हें धोनी का रिप्लेसमेंट माना जाने लगा। यह कारण है टीम मैनेजमेंट एक खिलाड़ी पर फोकस करके उसे निखारना चाहती है। जैसा कि सभी जानते हैं कि पंत आक्रामक बल्लेबाज़ी करते है अगर नंबर 5 या 6 पर आकर कुछ धमाकेदार पारियां खेल जाते है तो वह धोनी की तरह फिनिशर की भी भूमिका निभा सकते हैं।

MS Dhoni Rishabh Pant

हालांकि अगर देखा जाए तो पंत धोनी के उत्तराधिकारी होने का दबाव झेल नहीं पा रहें हैं। इसके चलते वह अपना शत प्रतिशत प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं। पंत जब धोनी के साथ खेल रहे थे तब वह खुलकर खेलते थे उन पर कोई दबाव नहीं रहता था लेकिन धोनी की अनुपस्थिति में वह उस दबाव को झेल नहीं पा रहें हैं।

अगर वैसे देखा जाए तो धोनी के रिप्लेसमेंट में पंत सबसे बढ़िया विकल्प है इसलिए टीम प्रबंधन उन्हें मौके पे मौके दिए जा रहा है। हालांकि संजू सैमसन और ईशान किशन भी घरेलु टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन कर रहे है। टेस्ट विकेटकीपर रिद्धिमान साहा की बात की जाए तो वे सीमित ओवर क्रिकेट में फिट नहीं बैठते है क्योंकि उनकी बल्लेबाजी पंत की तरह धाकड़ नहीं है। यही एक कारण है सेलेक्टर्स पंत पर इतना विश्वास दिखा रहे हैं।

2- घरेलू टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन

अगर पंत की बात की जाए तो वह ईशान किशन और सैमसन के मुकाबले घरेलु क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करते आये हैं। चाहे आईपीएल हो या इंडिया A की तरफ से खेलना हो, पंत ने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है। इसके अलावा पंत का घरेलू रिकॉर्ड भी काफी अच्छा रहा है। पंत इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में शतक भी लगा चुके है। पूरा देश उनका टैलेंट देख चुका है।

3- टीम मैनेजमेंट के चहेते

MSK Prasad

ऋषभ पंत भारतीय टीम मैनेजमेंट द्वारा अच्छे-खासे पसंद किये जाते हैं। चाहे कप्तान हो या उपकप्तान सभी उनकी तरफ बोलते है। पंत कोहली के काफी करीबी माने जाते है। रोहित शर्मा भी पंत का बचाव करते दिखते हैं। कोच रवि शास्त्री भी पंत को अच्छा खिलाड़ी मानते हैं। सौरभ गांगुली को भी ऋषभ पंत के फेवर में कई बार बोलते देखा गया है।

वहीं चीफ सेलेक्टर MSK प्रसाद ने विश्व कप के बाद साफ़ कर दिया था कि धोनी के बाद ऋषभ पंत उनके स्थान पर पहली पसंद है। पंत को मौके देकर आगे के क्रिकेट के लिए तैयार किया जायेगा। टीम मैनेजमेंट मानता है कि ऋषभ पंत अपनी असफलता से ग्रो कर रहें है और एक दिन ऐसा आयेगा जब टीम को इसका रिजल्ट मिलेगा।

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