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ज्यादा अचार खाने से होती हैं ये 7 खतरनाक बीमारियां, जानने के बाद छोड़ देंगे अचार खाना

अगर खाने के साथ अचार मिल जाए तो खाने का स्वाद दो गुना हो जाता हैं। भारत के लगभग हर राज्य के व्यंजन में अचार का अहम रोल होता है। यह कहना गलत नहीं होगा कि भारतीय थाली अचार के बिना अधूरी सी लगती हैं। आम, नींबू, गाजर और आंवला इत्यादि से बनने वाला खट्टा और चटपटा अचार लोग बहुत चाव से खाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं यही स्वादिष्ट अचार आपकी बहुत सी बीमारियों का कारण बनता हैं।

Achaar recipe
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आप सभी जानते हैं कि किसी भी चीज का ज्यादा सेवन खतरनाक होता हैं। वैसे तो कभी-कभार अचार खाने में कोई दिक्कत नहीं है लेकिन अगर आप अचार खाने के कुछ ज्यादा ही शौकीन हैं और हर रोज अचार खाते हैं तो थोड़े सावधान हो जाएं क्योंकि अचार का अधिक सेवन करना हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है। आईये आपको बताते हैं अधिक अचार खाने से हमें कौन-कौन सी बीमारियां हो सकती हैं।

1. पेट की समस्या :

अगर आप अधिक मात्रा में अचार का सेवन करते हैं तो यह आपके पाचन तंत्र को खराब कर सकता है और खाना ठीक से नहीं पचने देता। इसके अलावा पेट में दर्द और पेट में गैस बनने लगती हैं।

2. दिल से जुड़ी बीमारियां :

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अचार बनाने के लिए बहुत सारे मसालों का प्रयोग किया जाता हैं। अचार में तेल और नमक बहुत अधिक मात्रा में डाला जाता हैं ताकि अचार को लंबे समय तक स्टोर करके रखा जा सके और यह खराब ना हों। लेकिन नमक में मौजूद सोडियम ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है, जिस वजह से दिल से जुड़ी कई बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता हैं। अचार में इस्तेमाल होने वाला तेल कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का कारण भी हो सकता है।

3. शरीर में सूजन :

अचार में मौजूद ज्यादा सोडियम हमारे शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है जिससे हड्डियां कमजोर होने लगती है और शरीर में सूजन आ सकती है। अचार के अधिक सेवन से हमारे शरीर में आयरन की मात्रा भी कम होने लगती हैं।

4. डायबिटीज के मरीजों के लिए जहर :

अचार डायबिटीज के मरीजों के लिए जहर के समान है क्योंकि कई बार अचार को प्रिजर्व करने के लिए नमक के अलावा चीनी का भी इस्तेमाल होता है। इसलिए जो डायबिटीज के रोगी हैं उनको ज्यादा अचार नहीं खाना चाहिए।

5. आंतों के अल्सर की समस्या :

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खाने की नली, पेट या छोटी आंत में घाव या छालों का हो जाना अल्सर कहलाता हैं। यह एक गंभीर एवं तकलीफदेह बीमारी है। अचार में डाले जाने वाले मसालों के कारण यह बीमारी हो सकती हैं। देखा गया है कि जो लोग हर रोज अचार खाते हैं उनमें सामान्य तौर पर अल्सर की समस्या ज्यादा पाई जाती हैं। इसलिए बेहतर यही है कि अचार का सेवन एक लिमिट में करें।

6. कैंसर का खतरा :

एक शोध में यह भी पता चला है कि अचार खाने वाले लोगों में गैस्ट्रिक कैंसर की समस्या होने का खतरा ज्यादा होता है। हालांकि यह बात कितनी सत्य है अभी तक यह पूर्ण रूप से साबित नहीं हुआ है। इसके अलावा बता दें कि अचार से ग्रासनली के कैंसर की भी संभावना जताई गई हैं।

7. ब्लड प्रेशर का बढ़ना :

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नमक ज्यादा खाने से कुछ लोगों को ब्लड प्रेशर बढ़ने जैसी समस्या होती हैं और आपको हम पहले ही बता चुके हैं कि अचार में बहुत सारे नमक का प्रयोग किया जाता हैं जिसमें सोडियम होता हैं जो हाई ब्लड प्रेशर का कारण बनता हैं। इसलिए समझदारी इसी में है कि हाई बीपी के मरीज अचार से दूर रहें।

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भारत के 10 सबसे बड़े और प्रसिद्ध चिड़ियाघर, जहां एक बार तो जाना बनता है

भारत के 10 सबसे बड़े और प्रसिद्ध चिड़ियाघर, जहां एक बार तो जाना बनता है

हर किसी को बचपन से चिड़ियाघर देखने की इच्छा होती हैं और यह इच्छा कभी नहीं मरती चाहे हम बूढ़े ही क्यों न हो जाए। हर वर्ग के लोगों के अंदर चिड़ियाघर में मौजूद उन अलग-अलग प्रजातियों के पशु-पक्षियों को देखते की लालसा हमेशा जीवित रहती हैं जो हमें बहुत आकर्षित करते हैं। वैसे तो चिड़ियाघरों को इसलिए बनाया जाता है ताकि जो दुर्लभ पशु और पक्षियों की प्रजातियां हैं उनका संरक्षण करके उन पर शोध किया जा सके। लेकिन आजकल चिड़ियाघर हमारे मनोरंजन का भी एक केंद्र बन गए हैं।

भारत के लगभग हर बड़े शहर में आपको चिड़ियाघर देखने को मिल जाएगा लेकिन आज हम आपको भारत के कुछ चुनिंदा और सबसे बड़े चिड़ियाघरों के बारे में बता रहे हैं। अगर आप पूरे दिन स्मार्टफोन पर अपना टाइमपास करके बोर हो रहे हैं तो आज ही अपना सामान पैक किजिए और निकल पड़िए इन चिड़ियाघरों को देखने, यकीन मानिए आपको यहां एक अलग ही अनुभव का अहसास होगा। भारत के ये शानदार चिड़ियाघर आपके मन को रोमांचित कर देंगें।

1. दिल्ली का चिड़ियाघर :

National Zoological Park Delhi
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दिल्ली का राष्ट्रीय प्राणी उद्यान सबसे दिलचस्प पर्यटन स्थलों में से एक है। इस चिड़ियाघर को 1959 में बनाया गया था और यह एशिया के सबसे अच्छे चिड़ियाघरों की सूची में शामिल हैं। दिल्ली के पुराने किले के पास स्थित यह चिड़ियाघर दुनियाभर के करीब 1,350 पशुओं और 130 पक्षियों की प्रजातियों को आश्रय प्रदान करता है। इस चिड़ियाघर में भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका और अमेरिका जैसे देशों के सरीसृप, स्तनधारी और पक्षी आपको देखने को मिलेंगे। जब भी आपको दिल्ली जाने का मौका मिले, इस चिड़ियाघर में जरूर जाएं।

2. पुणे का चिड़ियाघर :

महाराष्ट्र के पुणे जिले में स्थित चिड़ियाघर को राजीव गांधी प्राणी उद्यान के नाम से जाना जाता है। इस चिड़ियाघर में अन्य जानवरों के अलावा उन जानवरों को भी रखा जाता हैं जो अनाथ होते हैं और उनकी अच्छी देखभाल की जाती है। इंडियन रॉक पायथन, रसले वाइपर से लेकर किंग कोबरा जैसे जहरीले सांपों की प्रजातियां इस चिड़ियाघर में आपको देखने को मिल जाएंगी। इसके अलावा अगर आप शेर देखना चाहते हैं तो इस चिड़ियाघर में आकर आपकी यह मुराद भी पूरी हो जाएगी। यहां सफेद शेर, बंगाल टाइगर, चीता और पीफाइल और ब्लैकबक्स जैसे पक्षी आकर्षक का केंद्र है।

3. चंडीगढ़ का चिड़ियाघर :

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प्रकृति प्रेमियों के लिए चंडीगढ़ का चिड़ियाघर किसी स्वर्ग से कम नहीं हैं। 202 एकड़ के विशाल क्षेत्रफल में फैला चंडीगढ़ का छतबीर चिड़ियाघर नॉर्थ इंडिया का सबसे विशाल प्राणी उद्यान है। 1977 से पहले यह सिर्फ एक खास का मैदान था लेकिन बाद में इसे एक बड़े प्राणी उद्यान में बदल दिया गया। इसे महेंद्र चौधरी जूलॉजिकल पार्क के रूप में जाना जाता हैं। अगर आप लॉयन सफारी के शौकीन हैं तो अपने कामकाज से समय निकालकर यहां जरूर आईये। यहां की झील और हरियाली से भरा वातावरण आपको सुखद अहसास देगा।

4. हैदराबाद का चिड़ियाघर :

Nehru Zoological Park Hyderabad
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हैदराबाद का चिड़ियाघर 380 एकड़ में फैला हुआ है इसकी स्थापना 1963 में हुई थी। इसे नेहरू जियोलॉजिकल पार्क कहा जाता है। यहां बहुत सारे पशु पक्षियों की भरमार है। इस चिड़ियाघर में एक बड़ी झील भी है जो इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाती हैं। यहां आप खुद की गाड़ी में घूमने का भी लुत्फ उठा सकते हैं। कहा जाता हैं कि यह चिड़ियाघर निशाचर जानवर जैसे फ्रूट बैट्स, वुड उल्लू, ग्रेट हॉर्न्ड उल्लू का घर है।

5. असम का चिड़ियाघर :

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असम के गुवाहाटी में स्थित यह चिड़ियाघर पूर्व भारत का सबसे बड़ा चिड़ियाघर हैं जो कि 432 एकड़ भूमि पर फैला है। इसकी स्थापना 1957 में हुई थी। यहां पर बंगाल टाइगर, एशियाटिक लायन, हिमालनीय काला भालू, भारतीय गैंडे के अलावा कई देशी और विदेशी पशु और पक्षी हैं। इस चिड़ियाघर में पिग्मी हॉग का संरक्षण भी किया जा रहा है। जो कि दुनिया में पाए जाने वाला सबसे छोटा जंगली सूअर है।

6. दार्जीलिंग का चिड़ियाघर :

यह भारत का सबसे ऊंचाई पर स्थित चिड़ियाघर हैं जो कि 7000 फीट की ऊंचाई पर बना है। इसे पद्मायजु नायडू हिमालय चिडियाघर कहा जाता हैं और यहां लाल पांडा आकर्षक का केंद्र है। आप यहां साइबेरियन बाघ तथा तिब्बतियन भेड़िये को भी देख सकते हैं। इसे अंतरराष्ट्रीय ‘अवॉर्ड द अर्थ हीरोज’ का अवॉर्ड भी मिल चुका है। जब आप खूबसूरत शहर दार्जीलिंग की सैर करने जाएं तो इस चिड़ियाघर को देखना ना भूलें।

7. मैसूर का चिडियाघर :

Mysore Zoo
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इस चिड़ियाघर को छमाराजेंद्र चिडियाघर उद्यान के नाम से जाना जाता है। यहां आपको कई तरह की प्रजातियों के जानवर जैसे कि जैब्रा, जिराफ, शेर, टाइगर और सफेद गैंडा और भारतीय हाथी देखने को मिलेंगे। बता दें की मैसूर का चिडियाघर भारत के सबसे पुराने चिड़ियाघरों में से एक है। 77 एकड़ में फैले इस चिडियाघर में करणजी झील भी है। यह बैंगलोर से 145 किलोमीटर दूर स्थित है।

8. भुवनेश्वर का चिड़ियाघर :

ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में 400 हैक्टेयर में फैला नंदनकानन चिड़ियाघर भी काफी मशहूर है। यह मुख्य रेलवे स्टेशन से मात्र 6 किलोमीटर की दूरी पर है इसलिए यहां पहुंचना काफी आसान है। हरे-भरे जंगलों के बीच स्थित इस चिड़ियाघर को देखने हजारों सैलानी आते है। इस चिड़ियाघर में जंगली जानवरों के साथ-साथ कुछ दुर्लभ पेड़-पौधों भी देखे जा सकते हैं।

9. चेन्नई का चिड़ियाघर :

Arignar Anna Zoological Park Chennai
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दक्षिण भारत में चेन्नई से लगभग 35 किमी दूर स्थित, अरिग्नर अन्ना जूलॉजिकल पार्क चेन्नई के सबसे लोकप्रिय पर्यटक आकर्षणों में से एक है। इसे वंदालुर चिडियाघर के नाम से भी जाना जाता है। इस चिड़ियाघर को हर साल दो लाख से अधिक पर्यटक देखने आते है। यह पार्क 6 किमी से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है। यहां आप अपने परिवार के साथ सैर करने आ सकते हैं। इस चिड़ियाघर में बहुत सारी मछलियों, स्तनधारी जीवों और कीड़ों की प्रजातियां देखने को मिलती हैं। इसके अलावा बटरफ्लाई हाउस, रैपटाइल हाउस, मगरमच्छ जैसे कई जानवर यहां रहते हैं।

10. कोलकाता का चिड़ियाघर :

Zoological Garden Alipore Kolkata
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कोलकाता का चिड़ियाघर पुरे भारत का सबसे बड़ा चिड़ियाघर है। इसे अलीपुर वन्य प्राणी उद्यान के नाम से भी जाना जाता है। यह कोलकाता का एक प्रमुख पर्यटन आकर्षण है। बता दें कि यह एक कछुए के लिए प्रसिद्ध है जो 250 साल तक जीवित रहा और साल 2006 में उसकी मृत्यु हो गई।

इन सब के अलावा भी भारत में बहुत से अच्छे चिड़ियाघर मौजूद है जैसे कि हिमाचल प्रदेश का गोपालपुर चिड़ियाघर, उदयपुर में गुलाब बाग व चिड़ियाघर, नैनीताल का चिड़ियाघर, गुजरात के जूनागढ़ में स्थित सक्करबाग चिड़ियाघर तथा वैल्लोर में अमीरथि चिड़ियाघर उद्यान। क्या आप इनमें से किसी चिड़ियाघर में गए हैं ? हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

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ये है IPL इतिहास के पांच ऐसे तूफानी बल्लेबाज जो 1 ओवर में बना चुके हैं 30 या उससे ज्यादा रन

आईपीएल के हर सीजन में नए रिकॉर्ड्स बनते हैं और पुराने रिकार्ड टूटते भी है। दुनिया की इस सबसे लोकप्रिय टी-ट्वेंटी लीग में कई देशों के खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं। यहां कौनसा खिलाड़ी कब क्या कारनामा रच दें इसके बारे कोई कुछ नहीं कह सकता। आमतौर पर टी-ट्वेंटी मुकाबलों में गेंदबाजों पर ज्यादा दबाव रहता है क्योंकि सीमित ओवरों के इस खेल में बल्लेबाज ज्यादा से ज्यादा रन बटोरने की कोशिश करते हैं। यहीं कारण है कि कुछ गेंदबाज तो सिंगल ओवर में भी 30 से ज्यादा रन दे बैठते हैं।

आज हम आपको आईपीएल के इतिहास के कुछ ऐसे तुफानी बल्लेबाजों के बारे में बता रहे हैं जिन्होंने गेंदबाजों को अपना शिकार बनाते हुए एक ओवर में 30 या इससे ज्यादा रन जड़े हैं। तो आईए जानते हैं इस लिस्ट में कौन-कौन से खिलाड़ी शामिल हैं

1. विरेन्द्र सहवाग ( 30 रन ) :

Virender Sehwag

तो इस लिस्ट में जो पहला खिलाड़ी हैं वो है ‘मुल्तान का सुल्तान’ विरेन्द्र सहवाग। बात है आईपीएल के पहले सीजन की जो 2008 में हुआ था। उस समय सहवाग दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम से खेलते थे और उनका मैच था डेक्कन चार्जर्स से। यह मैच हैदराबाद के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में खेला गया था। दिल्ली डेयरडेविल्स के सामने 143 रन का लक्ष्य था। मैच का 13वां ओवर आस्ट्रेलियाई ऑल राउंडर एंड्रयू साइमंड्स कर रहे थे और सामने थे विरेंदर सहवाग। इस ओवर में सहवाग ने साइमंड्स को 3 छक्कों और 3 चौंको की मदद से 30 रन ठोके थे। इस मैच में सहवाग ने 27 गेंदों में 50 रन की ताबड़तोड़ पारी खेली थी और अपनी टीम को जीत दिलाई थी।
Over : 12.1 – 4, 12.2 – 6, 12.3 – 4, 12.4 – 6, 12.5 – 4, 12.6 – 6

2. शॉन मार्श ( 30 रन ) :

Shaun Marsh

2011 में आईपीएल के पांचवें सीजन के दौरान किंग्स इलेवन पंजाब और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के बीच मैच खेला गया था। इस मैच के 15वें ओवर में पंजाब की तरफ से बल्लेबाजी कर रहे ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी शॉन मार्श ने 30 रन बनाए थे। जोहान वान डेर वाथ के इस ओवर में शॉन मार्श ने 3 चौके और 3 छक्के लगाये थे। पंजाब ने पहले बल्लेबाजी करते हुए बैंगलोर के सामने 232 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया था जबकि रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम सिर्फ 121 रन पर ही सिमट गई थी। वैसे आपको बता दें की 2019 के आईपीएल में शॉन मार्श को किसी टीम ने नहीं खरीदा, नीलामी में उनका बेस प्राइस 2 करोड़ रुपए था।
Over : 14.1 – 6, 14.2 – 6, 14.3 – 4, 14.4 – 4, 14.5 – 4, 14.6 – 6

3. विराट कोहली ( 30 रन ) :

Virat Kohli

आईपीएल 2016 में भारतीय कप्तान विराट कोहली ने भी 1 ओवर में 30 रन बनाए थे। 9वें आईपीएल सीजन में बैंगलोर और गुजरात लॉयन्स के बीच खेले गए मुकाबले में विराट कोहली ने गेंदबाज शिविल कौशिक के 19वें ओवर में 30 रन जड़कर यह साबित किया था की उन्हें रन मशीन यूं ही नहीं कहा जाता। इस मुकाबले में बैंगलोर ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 248 रन बनाए थे जबकि गुजरात की टीम सिर्फ 104 रन पर ही ऑल आउट हो गई। दिलचस्प बात यह है की इस मैच में विराट कोहली और एबी डी विलियर्स दोनों ने शतक जड़ा था।
Over : 18.1 – 6, 18.2 – 4, 18.3 – 6, 18.4 – 6, 18.5 – 6, 18.6 – 2

4. सुरेश रैना ( 33 रन ) :

Suresh Raina

आईपीएल 2014 के दूसरे क्वालीफायर मुकाबले में चेन्नई सुपर किंग और किंग्स इलेवन पंजाब आमने-सामने थी। यह मैच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला जा गया था। चेन्नई के खिलाड़ी पंजाब द्वारा दिए गए 227 रन के टारगेट को पूरा करने में दमखम लगा रहे थे चेन्नई के 2 विकेट गिर चुके थे और सुरेश रैना क्रीज पर आ चुके थे। जब परविंदर अवाना मैच का छठा ओवर करने आये तो रैना ने उनको इस ओवर में 33 रन जड़ दिए। बेहद रोमांचक इस मुकाबले में सुरेश रैना ने 25 गेंदों में 87 रन की शानदार पारी खेली थी हालांकि चेन्नई यह मैच 24 रन से हार गई थी।
Over : 5.1 – 6, 5.2 – 6, 5.3 – 4, 5.4 – 4, 5.5 – No Ball + 4, 5.5 – 4, 5.6 – 4

5. क्रिस गेल ( 37 रन ) :

Chris Gayle

जब बात आईपीएल के तूफानी बल्लेबाजों की हो रही हो और इसमें क्रिस गेल का नाम ना आए, ऐसा हो ही नहीं सकता। क्रिस गेल आईपीएल में एक ओवर में सबसे ज्यादा रन लगाने वाले एकमात्र खिलाड़ी हैं। दरअसल, साल 2011 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर बनाम कोच्चि टस्कर्स केरल के बीच चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले गए मैच में क्रिस गेल ने गेंदबाज प्रशांत परमेश्वरन को तीसरे ओवर में 37 रन जड़कर रिकॉर्ड बना दिया था जिसको अब तक कोई खिलाड़ी नहीं तोड़ पाया है।
Over : 2.1 – 6, 2.2 – No Ball + 6, 2.2 – 4, 2.3 – 4, 2.4 – 6, 2.5 – 6, 2.6 – 4

यह भी पढ़ें : आर्मी की अच्छी पोस्ट छोड़कर बॉलीवुड में धमाल मचा रही हैं यह खूबसूरत अभिनेत्री

आर्मी की अच्छी पोस्ट छोड़कर बॉलीवुड में धमाल मचा रही हैं यह खूबसूरत अभिनेत्री

बॉलीवुड में आने का सपना तो सभी देखते हैं यही कारण है कि आज बॉलीवुड दुनिया की सबसे बड़ी फिल्म इंडस्ट्री हैं। फिल्मों में काम करने की चाह में कुछ लोग तो अपना जॉब तक छोड़ देते हैं। आज भी बॉलीवुड में आपको ऐसे बहुत सारे एक्टर और एक्ट्रेस मिल जाएंगे जो फिल्मों में आने से पहले या तो कोई नौकरी करते थे या फिर खुद का व्यवसाय। आज हम आपको एक ऐसी ही बॉलीवुड अभिनेत्री के बारे में बता रहे हैं जो आर्मी की जॉब छोड़कर फिल्मों में धमाल मचा रही हैं।

दरअसल, हम बात कर रहे हैं बॉलीवुड की खूबसूरत अभिनेत्री माही गिल की। एक समय था जब माही गिल इंडियन आर्मी में शामिल हो चुकी थी लेकिन उनकी किस्मत में कुछ और ही लिखा था, फिर कुछ ऐसा हुआ कि उनको आर्मी की जॉब छोड़नी पड़ी। लेकिन इसकी क्या वजह थी ? इससे पहले हम आपको यह बताएं आप ये जान लिजिए कि माही गिल आर्मी में कैसे पहुंचीं।

जमींदार परिवार में जन्मी माही का आर्मी तक का सफर :

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बता दें कि माही गिल का जन्म 19 दिसंबर, 1975 में चंडीगढ़ के एक जमींदार परिवार में हुआ था। इनके पिता एक सरकारी ऑफिसर के रूप में तथा माँ एक कॉलेज में प्रवक्ता के पद पर रहे है। जब माही स्कूल में पढ़ती थी तब उन्होंने NCC ज्वाइन कर ली थी जिससे उनके आर्मी में जाने का रास्ता आसान हो गया था। उसके बाद माही ने आर्मी के लिए टेस्ट दिया और वह टेस्ट क्लियर करने में सफल रही जिससे उनको आर्मी में चुन लिया गया।

जब माही गिल आर्मी की ट्रेनिंग के लिए चेन्नई गई तो उनके साथ एक हादसा हो गया था, जिसका जिक्र उन्होंने एक इंटरव्यू में किया था। माही ने बताया कि चेन्नई के एक एयरपोर्ट में पैरासेलिंग ट्रेनिंग के दौरान उनका फ्री-फॉल हो गया था और वह बाल-बाल बची थी। इस हादसे में उनको कोई गंभीर चोट तो नहीं लगी लेकिन इस घटना को सुनकर माही के परिवार वाले घबरा गए और उनको वापस बुला लिया।

बॉलीवुड में नहीं आना चाहती थी माही गिल :

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माही कहती हैं कि उन्होंने बॉलीवुड में आने का कभी नहीं सोचा था और ना ही उनकी अभिनय में कोई दिलचस्पी थी। माही आर्मी में कई मामलों में बहुत अच्छी थी। माही ने बताया कि, मेरी फायरिंग और कमांड बहुत अच्छी थी। यही कारण है कि मुझे रिपब्लिक डे पर कमांड देने के लिए भी बुलाया जाता था। माही का मानना है कि अगर वह फिल्मों में नहीं आती तो जरूर आर्मी में किसी ऊंचे पद पर कार्यरत होती।

माही गिल का फिल्मों में आने का सफर :

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आर्मी छोड़ने के बाद माही गिल की मुलाकात एक फिल्म डायरेक्टर से हुई और उन्होंने माही को एक फिल्म का ऑफर दिया। इसके बाद से वह फिल्मों में काम करने लगी। शुरुआत में उन्होंने कई पंजाबी फिल्मों में काम किया। उन्होंने साल 2009 में पहली बॉलीवुड फिल्म में काम किया जिसके निर्देशक थे अनुराग कश्यप और फिल्म का नाम था ‘देवडी’। माही गिल अब तक कई बॉलीवुड और पंजाबी फिल्मों में काम कर चुकी हैं जैसे साहेब बीवी और गैंगस्टर, देव डी, जंजीर और दबंग।

फिल्म जगत में माही गिल अच्छा खासा नाम कमा चुकी हैं और काफी पॉपुलर एक्ट्रेस के तौर पर उनको जाना जाता हैं हालांकि वह लीड एक्ट्रेस नहीं बन पाई लेकिन उनकी फैन फॉलोइंग काफी ज्यादा है।

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सड़क किनारे फ्रूट चाट बेचने पर मजबूर हैं भारत की यह राष्ट्रीय ताइक्वांडो खिलाड़ी

भारत का राष्ट्रीय खेल भले ही हॉकी हो, लेकिन यह बात हम सभी जानते हैं कि लोकप्रियता के मामले में हॉकी तथा कोई भी अन्य खेल क्रिकेट की बराबरी नहीं कर सकता। हमारे देश में क्रिकेट पर हर साल करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं। आईपीएल से लेकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों में एक क्रिकेट खिलाड़ी लाखों-करोड़ों रुपए कमाता है। वहीं दूसरी तरफ ऐसे खिलाड़ी भी हैं जो सालों मेहनत करके देश के लिए ओलंपिक व अन्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतकर भी गुमनाम हैं और पैसों की कमी से जूझ रहे हैं।

यह एक विडंबना है कि हम ऐसे खिलाड़ियों का नाम तक नहीं जानते। लेकिन इसके पीछे दोष किसका है ? हमारे देश के खेल मंत्रालय का ? या फिर हमारा खुद का जो हम सिर्फ क्रिकेट के पीछे ही पागल हुए बैठे हैं ? इस पर विचार करना आवश्यक है।

आज हम आपको एक ऐसी ही राष्ट्रीय स्तर की ताइक्वांडो खिलाड़ी Diana Ningombam के बारे में बता रहे हैं जो कई बार देश का नाम रोशन कर चुकी हैं लेकिन दुर्भाग्य की बात ये है कि आर्थिक तंगी के चलते इस महिला खिलाड़ी को सड़कों पर फ्रूट चाट बेचनी पड़ रही है। आप इस से अंदाजा लगा सकते हैं कि देश में और भी ना जाने कितने ऐसे टेलेंटेड खिलाड़ी होंगे जो मूलभूत सुविधाओं के अभाव में आगे नहीं बढ़ पाते। ये वाकई एक चिंताजनक विषय है।

मजबूरी में सड़क पर बेचनी पड़ रही है फ्रूट चाट :

Diana Ningombam Taekwondo player
Source : Twitter

Diana मणिपुर की रहने वाली हैं और इन्होंने 2006 में ताइक्वांडो खेलना शुरू किया था। अपने 12 साल के ताइक्वांडो करियर में अब तक वह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुल 15 मेडल जीत चुकी हैं। पिछले साल ही 2018 में उन्होंने साउथ कोरिया में आयोजित ताइक्वांडो प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल जीता था। अब वह इसी साल हॉन्ग कॉन्ग में होने वाले ताइक्वांडो टूर्नामेंट की तैयारी कर रही है लेकिन पैसों की तंगी के चलते Diana को प्रैक्टिस के साथ साथ फ्रूट चाट बेचने का काम भी करना पड़ रहा हैं ताकि वह कुछ पैसे कमा सके।

वह तीन भाई-बहनों में सबसे छोटी है और उसके पिता एक मैकेनिक हैं। वह अपनी मदद के लिए सरकार पर निर्भर नहीं रहना चाहती बल्कि खुद की मेहनत पर विश्वास रखती हैं। इसीलिए सुबह जल्दी उठकर फ्रूट चाट बनाने की तैयारी करने लगती हैं और फिर 4 बजे से लेकर 7 बजे तक इसे बेचती हैं। जो वहां के स्थानीय लोग हैं वो Diana को जानते हैं और उनकी हौसला अफज़ाई भी करते हैं। कई नेकदिल ग्राहक ऐसे भी हैं जो उन्हें किमत से ज्यादा पैसे भी दे जाते हैं। इससे उसकी 300 400 रुपए की कमाई हो जाती हैं। फ्रूट चाट बेचकर वह प्रैक्टिस करने चली जाती हैं।

ताइक्वांडो टूर्नामेंट के लिए कर रही हैं मेहनत :

Diana Ningombam
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Diana का कहना है कि जब उन्होंने पहली बार खेलना शुरू किया तब इतनी परेशानी नहीं होती थी लेकिन राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचने पर हर खिलाड़ी का खर्च बढ़ जाता हैं। ट्रांसपोर्ट का खर्चा भी स्वयं खिलाड़ियों को ही उठाना पड़ता हैं। जो गरीब खिलाड़ी हैं उनको बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं। ऐसे में जब तक सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिलती, खुद ही पैसे कमाने का जरिया ढुंढना पड़ता हैं ताकि आगे आने वाले टूर्नामेंट में हिस्सा ले सकें।

सोशल मीडिया पर Diana की हो रही है तारीफ :

जब लोगों को Diana के इस संघर्ष की कहानी पता चली तो सोशल मीडिया पर लोग उनके जज्बे को सलाम कर रहे हैं और काफी तारीफ भी कर रहे हैं। कई लोग उनकी मदद करने के लिए भी आगे आ गए हैं और ट्विटर पर हमारे देश के खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को टैग करके मदद की गुहार लगा रहे हैं।

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सुबह खाली पेट काले चने में शहद मिलाकर खाने से मिलते हैं ये छह जबरदस्त फायदे

काला चना और शहद लगभग हर घर में आसानी से मिल जाता हैं। आयुर्वेद में चने को हमारे शरीर के लिए बहुत ही स्वास्थवर्धक बताया गया है। रोजाना भीगे हुए काले चने खाने से बहुत से रोगों से छुटकारा मिलता है। चने में पाये जाने वाले प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, आयरन और विटामिन्स हमारे शरीर को मजबूत बनाने का काम करते हैं। इसलिए अगर आप भी स्वस्थ रहना चाहते हैं और अच्छी बॉडी बनाना चाहते हैं तो बिना देर किए आज से ही काला चना खाना शुरू कर दिजिए।

लेकिन उससे पहले यह जरूर जान लिजिए कि चने का सेवन कैसे करें ? दरअसल अगर आप चने का सेवन शहद में मिलाकर करते हैं तो आपको इसका दोगुना लाभ मिलेगा। भिगोए हुए चनों में शहद मिलाकर खाने से हम बहुत सी बीमारियों से दूर रहते हैं। आईये आपको बताते हैं काले चने और शहद से होने वाले फायदों के बारे में..

कोलेस्ट्रॉल लेवल कंट्रोल में रहता है :

Heart

अगर आप अपने कोलेस्ट्रॉल लेवल को लेकर परेशान हैं तो हर रोज खाली पेट एक मुट्ठी भिगोए हुए काले चनों में शहद मिलाकर खाएं। इससे आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल कंट्रोल रहेगा और आपको हृदय से संबंधित कोई रोग नहीं होगा।

खून की कमी होती हैं पूरी :

हमारे देश में बहुत से लोग खून की कमी यानी कि अनीमिया से ग्रसित हैं और यह काफी गंभीर समस्या है। जब हमारे शरीर को आयरन पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाता तो खून की कमी होने लगती हैं। इससे बचने का सबसे अच्छा और सरल उपाय हैं काले चने और शहद का नियमित सेवन। क्योंकि चने और शहद दोनों में ही भरपूर मात्रा में आयरन होता है जिससे खून की कमी पूरी हो जाती हैं।

कब्ज और पेट दर्द से मिलती हैं राहत :

रातभर पानी में भीगे हुए चनों को सुबह शहद में मिलाकर खाने से कब्ज़ और पेट दर्द से भी राहत मिलती हैं। कब्ज शरीर में कई बीमारियों का कारण होती है इसलिए जरूरी है कि आप कब्ज से बचकर रहें।

दांत और हड्डियां होती हैं मजबूत :

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हमारे शरीर की हड्डियां कैल्शियम, फॉस्फोरस, प्रोटीन व कई प्रकार के मिनरल से मिल कर बनी होती हैं। जब हड्डियों को ये सब मिनरल नहीं मिल पाते तो वह धीरे-धीरे कमजोर होने लगती हैं। अगर आप यह नहीं चाहते कि आपके शरीर की हड्डियां कमजोर हों तो आज से ही काले चने और शहद का सेवन करना शुरू कर दीजिए। इससे आपकी हड्डियों और दांतों को मजबूती मिलेगी।

पाचन शक्ति बढ़ाने में सहायक :

चना फाइबर से भरपूर होता है जिससे यह पाचन क्रिया के लिए विशेष फायदेमंद होता है। अगर आपका पाचन तंत्र अच्छा रहेगा तो आप जो भी खाएंगे वो जल्दी पचेगा और आपको खाने के सम्पूर्ण पोषक तत्व मिलेंगे। इसलिए आज से ही रात को चने भिगोना शुरू कर दें और सुबह शहद के साथ खाएं।

डायबिटीज से करता है बचाव :

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दुनियाभर में डायबिटीज के करोड़ों मरीज हैं और यह रोग तेजी से बढ़ रहा हैं। जब हमारा शरीर खून में मौजूद शुगर की मात्रा को नहीं सोख पाता तो ये स्थिति डायबिटीज को जन्म देती है और शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने लगती हैं। ऐसे में अगर आप डाइबिटीज से बचना चाहते हैं तो रोजाना काले चने और शहद का सेवन करें। यह ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखता है।

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