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CID और CBI में क्या अंतर होता हैं ? जानें सीबीआई और सीआईडी ऑफिसर कैसे बनें

CID और CBI के बारे में तो आपने जरूर सुना होगा लेकिन बहुत से लोगों के मन में इस बात को लेकर कंफ्यूजन रहता है की आखिर सीआईडी ( CID ) और सीबीआई ( CBI ) में क्या अंतर होता है ? सीआईडी और सीबीआई किस प्रकार काम करती है ? आज हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे है। दरअसल, CID और CBI दोनों ही भारत की जांच एजेंसियां हैं जिनका काम लगभग एक जैसा होता है, किसी भी आपराधिक मामले की छानबीन करना। लेकिन इन दोनों एजेंसियों का अधिकार क्षेत्र अलग-अलग होता है।

CID और CBI को लेकर अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं और इंटरव्यू में भी कुछ सवाल पूछे जाते हैं इसलिए आपको इसके बारे में जरूर जानकारी होनी चाहिए। तो आईये आपको सीआईडी ( CID ) और सीबीआई ( CBI ) के बारे में पूरे विस्तार से बताते हैं।

सीआईडी ( CID ) क्या होती है ?

Deference between CID and CBI
Courtesy : SpotBoyE

CID का फुल फॉर्म होता हैं Crime Investigation Department यानी कि ‘ अपराध जांच विभाग। ‘ यह पुलिस का ऐसा खुफिया विभाग होता हैं जो सिर्फ एक राज्य तक ही सीमित होता हैं मतलब कि सीआईडी सिर्फ अपने राज्य में हो रहे आपराधिक मामलों की जांच करती हैं जैसे कि मर्डर, दंगा-फसाद, अपहरण तथा चोरी जैसी घटनाएं। हर राज्य में CID की टीम होती हैं जो अपने राज्य के अधीन रहकर काम करती हैं। राज्य के हाई कोर्ट द्वारा भी सीआईडी को जांच का आदेश दिया जा सकता हैं।

हमारे देश में CID की स्थापना आजादी से पहले ही हो गई थी। साल 1902 में ब्रिटिश सरकार ने पुलिस कमिशन की सिफारिश पर सीआईडी की स्थापना की थी। बता दें कि सीआईडी के लिए राज्य पुलिस के ही अधिकारी भर्ती किए जाते हैं लेकिन उन्हें सीआईडी में शामिल करने से पहले एक स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती है। वैसे तो CID भी एक तरह से कहा जाए तो पुलिस का ही एक अंग होता हैं लेकिन CID के ऑफिसर पुलिस की तरह वर्दी नहीं पहनते हैं वे हमेशा सादे कपड़ों में रहते हैं।

CID पर आधारित एक पॉपुलर टीवी शो भी आता हैं जिसको देश का बच्चा-बच्चा जानता हैं और यह शो आपने भी जरूर देखा होगा और आप समझ सकते हैं कि सीआईडी कैसे काम करती हैं।

सीबीआई ( CBI ) क्या होती है ?

Crime Investigation Department
Courtesy : The Asian Age

CBI का मतलब होता हैं Central Bureau of Investigation यानी कि ‘ केंद्रीय जांच ब्यूरो ‘ यह भारत की ऐसी जांच एजेंसी हैं जो राष्ट्रीय स्तर पर जांच करती हैं। इसके अलावा जरूरत पड़ने पर भारत की तरफ से विदेशों में भी जांच करने जा सकती हैं। कुछ ऐसे मामले होते हैं जिनमें अपराधियों के तार विदेशों तक जुड़े होते हैं ऐसी स्थिति में सीबीआई दूसरे देशों में भी जांच करने जा सकती है। मुख्य तौर पर सीबीआई बड़े घोटालों, भ्रष्टाचार तथा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले अपराधों की जांच करती है।

CBI की स्थापना 1941 में हुई थी बाद में सन् 1963 में इसे ‘ केंद्रीय जांच ब्यूरो ‘ का नाम दिया गया था। इसकी स्थापना अपराधों तथा भ्रष्टाचार की रोकथाम के लिए की गई थी। वर्तमान में सीबीआई का मुख्यालय भारत की राजधानी नई दिल्ली में हैं। Delhi Special Police Established Act, 1946 ने सीबीआई को जांच करने की शक्तियां दी हैं। बता दें कि भारत की केंद्र सरकार राज्य सरकार से सहमति लेकर CBI को जांच करने के आदेश दे सकती है।

हालांकि CBI केन्द्र सरकार की मुट्ठी में नहीं होती हैं ऐसा इसलिए क्योंकि सीबीआई सरकार की सहमति के बिना भी हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जांच कर सकती है। अगर आपको याद हो तो पिछले दिनों पश्चिम बंगाल में एक वाकया हुआ था जिस पर बहुत बवाल मचा था। दरअसल ममता बनर्जी की सरकार ने सीबीआई को जांच करने से रोक दिया था बाद में सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई तो सीबीआई ने जांच पूरी की।

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CID और CBI में क्या अंतर होता है ? Deference between CID and CBI :

जैसा कि हम पहले बता चुके हैं CID और CBI में सबसे बड़ा अंतर तो यही है कि सीआईडी सिर्फ एक राज्य में जांच कर सकती हैं जबकि सीबीआई पूरे भारत में कहीं भी जांच कर सकती हैं।

सीबीआई के पास सीआईडी की तुलना में ज्यादा शक्तियां होती हैं। छोटे मोटे आपराधिक मामलों को CID को सौंपा जाता है लेकिन जो बड़े स्तर के आपराधिक मामले होते हैं उनकी जांच करने का जिम्मा CBI को सौंपा जाता हैं।

सीआईडी की स्थापना 1902 में की गई थी जबकि सीबीआई का गठन 1941 में हुआ था।

CID में शामिल होने के लिए सबसे पहले राज्य सरकार द्वारा आयोजित की जाने पुलिस परीक्षा को पास करना पड़ता हैं उसके बाद अपराध-विज्ञान ( Criminology ) की परीक्षा पास करनी होती है वहीं CBI ऑफिसर बनने के लिए आपको SSC बोर्ड द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षा को पास करना पड़ता हैं।

CID के पास जांच करने के लिए जो आपराधिक मामले आते हैं वे राज्य सरकार या हाई कोर्ट द्वारा सौंपे जाते हैं वहीं CBI को केन्द्र सरकार या सुप्रीम कोर्ट द्वारा आदेश दिया जाता हैं।

उम्मीद करते हैं कि इस पोस्ट को पढ़कर आप अच्छी तरह समझ गए होंगे कि CID क्या होती है ? और CBI क्या होती हैं ? CID और CBI में क्या फर्क होता हैं ? CBI और CID officer कैसे बनें ? Deference between CID and CBI in hindi. अब अगर आपसे कोई CID और CBI से संबंधित कोई सवाल पूछेगा तो आप आसानी से बता सकते हैं।

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स्पॉट फिक्सिंग मामले में श्रीसंत को मिली राहत, सुप्रीम कोर्ट ने हटाया बैन, श्रीसंत बोले..

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IPL स्पॉट फिक्सिंग मामला : श्रीसंत पर साल 2013 में आईपीएल के दौरान मैच फिक्सिंग का आरोप लगा था जिसके बाद उनका क्रिकेट करियर पूरी तरह तबाह हो गया था क्योंकि बीसीसीआई ने उन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था। इतना ही नहीं श्रीसंत को काफी दिनों तक पुलिस और कोर्ट के चक्कर लगाने पड़े थे। वे इस आरोप में जेल में भी रहे लेकिन बाद में सबूतों के अभाव के कारण बरी हो गए थे। लेकिन उनका दोबारा क्रिकेट खेलने का सपना टुट चुका था और उन्होंने उस समय बहुत आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था।

श्रीसंत के अलावा उस समय राजस्थान रॉयल्स के खिलाड़ी अंकित चव्हाण और अजीत चंदीला पर भी फिक्सिंग के आरोप लगे थे। अब इतने सालों के बाद श्रीसंत के फैंस के लिए एक बहुत अच्छी खबर सामने आई हैं जिसे सुनकर श्रीसंत को चाहने वाले खुशी से झूम उठेंगे। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने श्रीसंत को बड़ी राहत देते हुए आजीवन प्रतिबंध हटा दिया हैं जिसके बाद श्रीसंत के क्रिकेट मैदान में दोबारा कदम रखने की उम्मीद जगी है।

Sreesanth spot fixing ban

सुप्रीम कोर्ट ने हटाया आजीवन प्रतिबंध :

बता दें कि स्पॉट फिक्सिंग का दोषी पाए जाने पर अजीवन प्रतिबंध लगाया था इसके खिलाफ श्रीसंत ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए श्रीसंत पर से आजीवन प्रतिबंध हटा दिया। श्रीसंत की तरफ से वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद ने दलील देते हुए कहा था कि श्रीसंत एक अच्छे क्रिकेटर हैं और उनमें क्रिकेट के प्रति अभी भी जुनून बाकी है इसलिए उनका करियर बर्बाद होने से बचाया जाए। अब सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई को श्रीसंत की सजा पर फिर से विचार करने को कहा है।

BCCI से सजा पर पुनर्विचार करने को कहा :

कोर्ट ने कहा कि बीसीसीआई को श्रीसंथ का पक्ष एक बार फिर से सुनना चाहिए क्योंकि एक खिलाड़ी पर लाइफटाइम बैन लगाना बहुत बड़ी सजा है। इससे पहले बीसीसीआई ने अदालत में श्रीसंत पर भ्रष्टाचार, सट्टेबाजी और खेल को बेइज्जत करने का आरोप लगाया था। सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई से इस मामले में 3 महीने के अंदर जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा है कि बीसीसीआई तीन महीनों के अंदर यह तय करें कि उन पर लगे प्रतिबंध को हटाने के बाद उन्हें क्या सजा दी जाएगी।

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बैन हटने पर श्रीसंत ने क्या कहा :

Cricketer Sreesanth

फिलहाल अपने ऊपर लगे बैन हटाए जाने पर श्रीसंत बहुत ज्यादा खुश हैं और इस पर उन्होंने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह एक बार फिर से क्रिकेट के मैदान में उतरने के लिए बहुत उत्साहित हैं। उन्होंने आगे कहा कि बीसीसीआई इस पर तीन महीने में फैसला लेगा लेकिन मेरे लिए तीन महीने ज्यादा नहीं है क्योंकि मैंने इतने साल इंतजार किया है तो तीन महीने और सही।

बता दें कि श्रीसंत 36 साल के हो चुके हैं लेकिन उनमें अभी भी क्रिकेट खेलने का जज्बा है। श्रीसंत ने बिग बॉस में बताया था कि टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस को अपना आदर्श मानते हैं उनका मानना है कि जब वो 45 साल की उम्र में ग्रैंडस्लैम खेल सकते हैं और नेहरा 38 साल की उम्र में विश्वकप खेल सकते हैं तो वह क्यों नहीं। श्रीसंत ने बिग बॉस के दौरान कई बार अपने ऊपर लगे आरोपों को झूठा बताया था वह कई दफा फूट-फूटकर रोए भी थे। हालांकि अब खुशी की बात यह है कि उन पर लगा बैन हट गया है और हम उम्मीद करते हैं कि वो एक बार फिर क्रिकेट मैदान में खेलते हुए दिखाई देंगे।

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क्या आप जानते हैं भारत में सिर्फ कुछ लोगों को है अपनी गाड़ी पर तिरंगा लगाने की परमीशन

अपने देश का राष्ट्रीय ध्वज हर किसी को प्यारा लगता है। हमारा राष्ट्रीय झंडा तिरंगा है जिसका हम बहुत सम्मान करते हैं। बहुत से लोग अपने घर तथा ऑफिस में राष्ट्रीय ध्वज रखते हैं इसके अलावा काफी लोग अपनी गर्व से अपनी बाईक तथा कार के आगे तिरंगा लगा कर रखते हैं। वैसे कार के आगे तिरंगा लगाना कोई गलत बात नहीं है लेकिन आपको हमारे राष्ट्रीय ध्वज से जुड़े कुछ कायदे कानून पता होने चाहिए। आप में से बहुत कम लोग ही यह बात जानते होंगे की देश के हर नागरिक को अपनी कार के आगे राष्ट्रीय ध्वज लगाने की अनुमति नहीं है।

देश के कुछ चुनिंदा लोग ही ऐसे हैं जो भारतीय ध्वज दंड संहिता के अनुसार अपनी गाड़ी के आगे राष्ट्रीय ध्वज लगा सकते हैं। अब आपके दिमाग में यह सवाल उठ रहा होगा कि आखिर ये विशेष नागरिक कौन है ? दरअसल आज हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं, तो आइए जानते हैं

1 भारत के राष्ट्रपति :

सबसे पहले नंबर पर आता हैं भारत का प्रथम नागरिक यानी कि राष्ट्रपति। प्रेसिडेंट को अपनी गाड़ी के आगे तिरंगा लगाने का पूरा अधिकार होता हैं। आपने देखा भी होगा कि राष्ट्रपति की कार के आगे एक छोटा सा तिरंगा लगा होता हैं। जब विदेश से कोई मेहमान आता हैं और वह भारत सरकार की कार में यात्रा करता है तो गाड़ी के एक तरफ उसके देश का झंडा भी लगाया जाता हैं। ऐसे में भारतीय ध्वज राइट साइड में तथा विदेशी ध्वज लेफ्ट साइड में लगता हैं। इसके अलावा बता दें कि राष्ट्रपति देश के तीनों सशस्त्र बलों यानी आर्मी, एयरफोर्स और नेवी के सर्वोच्च सेनापति भी होते हैं।

2 उपराष्ट्रपति :

राष्ट्रपति के साथ साथ उप-राष्ट्रपति को भी अपनी गाड़ी के आगे राष्ट्रीय ध्वज लगाने का अधिकार प्राप्त होता हैं।

3 राज्यपाल और उप-राज्यपाल :

Indian national flag on car

गवर्नर और लेफ्टिनेंट गवर्नर्स यानी कि राज्यपाल और उप-राज्यपाल भी अपनी कार पर राष्ट्रीय ध्वज लगा सकते हैं। भारत में जितने भी राज्यों के राज्यपाल व उप-राज्यपाल हैं वह इस अधिकार का उपयोग कर सकते हैं।

4 मुख्य न्यायाधीश :

सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों को भी अपनी कार के आगे तिरंगा लगाने की अनुमति है।

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5 भारतीय मिशन के प्रमुख :

जो विदेशों में रहने वाले भारतीय मिशन और पोस्ट के अध्यक्ष होते हैं वे भी अपनी कार पर राष्ट्रीय ध्वज लगा सकते हैं।

6 प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री :

अपनी कार पर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज लगाने के अधिकार से प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री भला कैसे वंचित रह सकते हैं। दरअसल पीएम के साथ साथ सभी राज्यों के मुख्यमंत्री भी राष्ट्रीय ध्वज का अपनी गाड़ी पर प्रयोग कर सकते हैं। इसके अलावा इस सूची में कुछ पद और भी शामिल हैं जैसे कि लोकसभा अध्यक्ष व उपाध्यक्ष, राज्यसभा उपाध्यक्ष, विधानसभा अध्यक्ष व उपाध्यक्ष तथा विधान परिषद के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष।

तो अब आप अच्छे से समझ गए होंगे कि हमारे राष्ट्रीय ध्वज को कार के आगे लगाने का अधिकार देश के किन-किन प्रमुख नागरिकों के पास होता हैं। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो शेयर करने में कंजूसी न करें।

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एक क्रिकेट बॉल की कीमत क्या होती हैं ? कैसे बनाई जाती हैं कूकाबुरा क्रिकेट गेंद, देखिए विडियो

क्रिकेट एक काफी लोकप्रिय खेल हैं जो विश्वभर के कई देशों में खेला जाता हैं। भारत में तो गली-गली के बच्चों में क्रिकेट के प्रति दीवानगी देखने को मिलती हैं। हमारे देश के छोटे-छोटे बच्चों को भी क्रिकेट के लगभग सभी नियम पता होते है क्योंकि वो टीवी पर मैच देखकर सब कुछ सीख जाते हैं। लेकिन क्रिकेट से जुड़ी कुछ ऐसी बातें भी है जिन्हें शायद आप भी नहीं जानते होंगे। जैसे कि एक क्रिकेट बॉल की कीमत क्या होती हैं ? क्रिकेट बॉल कैसे बनाई जाती हैं ? अगर आपको इसके बारे नहीं पता है तो आज की इस पोस्ट में हम ये सारी बातें बताने जा रहे हैं। तो आईये जानते हैं

क्रिकेट में तीन रंग की गेंदों का होता है प्रयोग :

Kookaburra cricket ball price

इंटरनेशनल क्रिकेट मैचों के दौरान 3 रंग की गेंदों का इस्तेमाल किया जाता है। वन-डे मैचों में सफेद रंग की बॉल का इस्तेमाल होता हैं जबकि टेस्ट मैच लाल रंग की बॉल के साथ खेला जाता हैं। आप जानते हैं कि टेस्ट दिन में खेला जाता हैं और सभी खिलाड़ी सफेद रंग की जर्सी पहनकर खेलते हैं इसलिए लाल गेंद दिन में सफेद गेंद की तुलना में आसानी से नजर आती हैं। वैसे अब डे नाइट टेस्ट की भी शुरुआत हो चुकी हैं जिसमें गुलाबी रंग की गेंद का इस्तेमाल होता है।

क्या होती हैं एक क्रिकेट बॉल की कीमत :

आईसीसी अपने ज्यादातर मैच कूकाबुरा की गेंद से कराती है। जानकारी के लिए बता दें कि कूकाबुरा एक आस्ट्रेलियाई कंपनी है जो बड़ी मात्रा में क्रिकेट गेंद बनाती हैं। इस कंपनी की स्थापना सन् 1890 में एल्फ्रेड थॉम्सन ने की थी। बता दें कि कूकाबुरा आस्ट्रेलिया में पाए जाने वाले एक पक्षी का नाम है। टेस्ट मैचों में प्रयोग होने वाली कूकाबुरा कंपनी की बॉल 8000 रुपए की होती है, वही SG कंपनी की गेंद की कीमत 5000 रुपए होती है। इस बॉल से 80 ओवर ही फेंके जा सकते हैं।

वन-डे और टी-ट्वेंटी मैचों में प्रयोग होने वाली कूकाबुरा गेंद 12000 की होती हैं और SG कंपनी की गेंद 4000 की होती है। क्रिकेट की बॉल असली लेदर से बनाई जाती हैं और ये वाटरप्रूफ भी होती है। अगर मैच के दौरान बारिश आ जाएं तो इसमें पानी नहीं जाता हैं। इनमें से कुछ गेंदों में सेंसर भी लगाया जाता है, जिससे गेंदबाजी के समय गेंद की स्पीड का पता चलता है। क्रिकेट की गेंदों का वजन 155.9 ग्राम से 163 ग्राम के बीच होता है।

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जानिए कैसे बनती हैं क्रिकेट गेंद :

Cricket ball kaise banti hai

कूकाबुरा की गेंदें काफी मजबूत होती हैं और इनको बहुत सावधानी से बनाया जाता हैं ताकि कोई कमी ना रहे। इसके लिए उच्च कोटि का लेदर और मजबूत धागा प्रयोग में लाया जाता हैं। सबसे पहले लेदर को धूप में सुखाया जाता है जिससे वह सख्त बन जाता है फिर उस लेदर को मशीनों द्वारा गेंद के सही आकार में काटा जाता है। फिर बॉल के अंदर पेड़ों की लकड़ी की छाल को पीसकर डाला जाता हैं जिससे वह सख्त गोले का रुप ले लेती हैं। इसके बाद उस पर धागे की मोटी परत चढ़ाकर गेंद के खोल में डाल दी जाती है और आखिर में मशीन द्वारा इसकी सिलाई कर दी जाती हैं।

इस प्रकार एक क्रिकेट बॉल तैयार होती हैं वैसे तो ये ज्यादातर काम मशीन द्वारा ही किए जाते हैं और एक क्रिकेट बॉल को बनाने में महज बीस मिनट का समय लगता हैं। वर्तमान में कूकाबुरा की गेंदें कई देशों जैसे इंग्लैंड, बांग्लादेश, अफ्रीका, और भारत में बनाई जाती है। यहां से यह बॉल तैयार करके खेल के मैदानों में भेज दी जाती है। भारत में कूकाबुरा कंपनी की गेंद उत्तरप्रदेश के मेरठ और जालंधर में मिलती हैं। आईपीएल में भी इन्हीं गेंदों का इस्तेमाल होता हैं।

कूकाबुरा गेंद खिलाड़ियों के लिए होती हैं घातक :

क्रिकेट में कूकाबुरा गेंद का इस्तेमाल काफी सालों से हो रहा है। यह बॉल गेंदबाजों को बहुत पसंद हैं क्योंकि इसके सख्त होने के कारण बॉलर को तेज स्पीड और अतिरिक्त उछाल मिलता है। लेकिन कठोर होने की वजह से बल्लेबाजों के लिए यह बहुत घातक भी होती हैं और सुरक्षा के लिए उन्हें हेलमेट पहनकर खेलना पड़ता है वरना इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। अगर आपको याद हो ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी फिलिप ह्यूज वह इसी गेंद का शिकार हुए थे।

नीचे दी गयी विडियो को देखकर आप अच्छी जान जायेंगे की क्रिकेट की बॉल कैसे तैयार होती है।

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» किसान क्रेडिट कार्ड क्या होता है ? जाने इसके लाभ और Kisan Credit Card कैसे बनवाएं ?

किसान क्रेडिट कार्ड क्या होता है ? जाने इसके लाभ और Kisan Credit Card कैसे बनवाएं ?

भारत एक कृषि प्रधान देश है जहां लगभग हर राज्य में किसी न किसी रूप में कृषि की जाती है। हमारे देश की आधी से ज्यादा जनसंख्या यानी की करीब 52 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है। किसान हमारे देश की रीढ़ की हड्डी है क्योंकि भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि का बहुत बड़ा योगदान है इसलिए देश की तरक्की के लिए किसान का समृद्ध होना अतिआवश्यक है। यही कारण है कि सरकार किसानों को समृद्ध बनाने के लिए समय समय पर किसान व कृषि संबंधी अनेक प्रकार की योजनाएं लागू करती रहती है ताकि किसानों को मदद मिल सकें।

किसान क्रेडिट कार्ड ( Kisan Credit Card Scheme ) भी एक ऐसी ही योजना है जो किसानों की सुविधा के लिए बनाई गई है। आज हम आपको इसी के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं कि किसान क्रेडिट कार्ड योजना क्या है ? इसके क्या-क्या लाभ हैं तथा किसान क्रेडिट कार्ड कैसे बनवाएं ? Kisan Credit Card के लिए आवेदन कैसे करें ? तो आईये जानते हैं

किसान क्रेडिट कार्ड योजना क्या है ? Kisan Credit Card Scheme in Hindi :

इस योजना की शुरुआत साल 1998 में एनडीए की सरकार द्वारा की गई थी। उस समय के तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने वर्ष 1998- 1999 के बजट के दौरान किसान क्रेडिट कार्ड योजना को पेश किया था। देशभर के किसानों के लिए यह स्कीम काफी फायदेमंद साबित हुई। आप सभी जानते हैं कि हर साल तेज बारिश, बाढ़ व ओलावृष्टि जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण बहुत से किसानों की फसल बर्बाद होती हैं। ऐसे में जो किसान गरीब होता हैं और ऊंची ब्याज दरों पर पैसे उधार लेकर खेती करता है उसको बहुत नुकसान उठाना पड़ता है। इसी को देखते हुए भारत सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की है जिसका उद्देश्य किसानों को बैंक से सामान्य ब्याज की अपेक्षा बहुत कम ब्याज दरों पर लोन उपलब्ध कराना है।

किसान क्रेडिट कार्ड से कोई भी किसान अपनी आवश्यकता के हिसाब से बैंक से बड़ी आसानी से लोन ले सकता हैं जिस पर बहुत कम ब्याज लगता हैं। जिस प्रकार बैंक द्वारा सामान्य क्रेडिट कार्ड दिया जाता हैं ठीक वैसा ही किसानों को बैंक द्वारा कार्ड मिलता हैं और जब कोई किसान इस कार्ड का प्रयोग करके बैंक से ऋण लेता है तो उसे सामान्य ऋण ब्याज की तुलना में कम ब्याज देना पड़ता हैं।

किसान क्रेडिट कार्ड के लाभ व विशेषताएं :

Kisan-Credit-Card-kaise-banwaye

भारत के किसी भी राज्य में रहने वाला कोई भी किसान इस योजना का लाभ उठा सकता हैं। इसके लिए कोई अलग से योग्यता की जरूरत नहीं है। आईये आपको बताते हैं कि किसान क्रेडिट कार्ड से किसानों को क्या-क्या लाभ मिलते हैं।

1. इसकी मदद से किसानों को सस्ती ब्याज दरों पर पैसे मिल जाते हैं। हर छोटा-बड़ा किसान इससे लोन ले सकता हैं।

2. किसान क्रेडिट कार्ड से नई फसल की बिजाई के दौरान खर्च के लिए पैसे मिल जाते हैं। इसका प्रयोग करके किसान दुकान से खाद, बीज व किटनाशक आदि खरीद सकता हैं।

3. यह क्रेडिट कार्ड किसान के बचत खाते से लिंक होता हैं जिससे अगर खाते में कुछ पैसे बचें हैं तो उन पर ब्याज मिलता रहे।

4. जो व्यक्ति किसान क्रेडिट कार्ड से लोन लेता है उसका बीमा भी साथ ही हो जाता हैं जिससे दुर्घटना या विकलांग होने की स्थिति में 70 साल की आयु तक के किसान को 50 हजार तक कवर प्रदान किया जाता हैं।

जानिए किसान क्रेडिट कार्ड के फायदे :

5. किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट 3 लाख रुपए की होती हैं। हालांकि कई बार किसान क्रेडिट कार्ड से मिलने वाली धनराशि को बढ़ा भी दिया जाता हैं।

6. किसान अपने परिवार की जरूरत को पूरा करने के लिए भी लोन ले सकता हैं। इसके अलावा फसल खराब होने पर किसान को बैंक तथा सरकार की तरफ से मुआवजा भी दिया जाता हैं।

7. किसान क्रेडिट कार्ड से लोन लेना बेहद आसान है इसकी प्रक्रिया काफी सरल है जिससे किसान कम दस्तावेजों के साथ जल्द ही लोन पा सकता हैं।

8. अक्सर चुनावों के दौरान सरकार किसानों के कर्ज को माफ भी कर देती है या कुछ हद तक उसमें छूट दे देती हैं जिससे किसानों को फायदा होता हैं।

9. जो किसान सही समय पर ब्याज देता है बैंक द्वारा उसके क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ा दी जाती हैं।

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किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए आवश्यक दस्तावेज ?

1. आवेदन करने वाले व्यक्ति का पहचान प्रमाण पत्र (Identity Proof) आधार कार्ड, पेन कार्ड, वोटर कार्ड, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, इत्यादि।
2. स्थायी पते का प्रमाण (Address Proof)
3. डिमांड प्रोमिसरी नोट।
4. कम्पोजिट हाइपोथेकेशन एग्रीमेंट (CHA -1)

5. प्राधिकरण का पत्र (AG -15)
6. एक पासपोर्ट साइज की कलर फोटो।
7. भंडारण इकाई को सूचित करने के लिए बैंक के ग्रहणाधिकार।
8. प्रतिज्ञा का पत्र (OD -159)

9. कृषि ऋण अधिनियम या भूमि की कानूनी बंधक (CHA -4) के अनुसार जमीन पर शुल्क।
10. किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए आयु 18 से 70 के बीच होनी चाहिए।
11. महीनों के भीतर अग्रिम चुकाने या उपज की बिक्री पर ब्योरा देना।

12. किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए आपके पास खेती योग्य भूमि होनी जरुरी है वह बंजर नहीं होनी चाहिए।
13. अगर पहले से लोन लिया हुआ है तो उसका पूरा रिकॉर्ड।
14. अगर आप किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट से ज्यादा है लोन लेना चाहते है तो हो सकता है आपको अपनी जमीन बैंक के पास गिरवी भी रखनी पड़े।

किसान क्रेडिट कार्ड कैसे बनवाएं ? Kisan Credit Card के लिए आवेदन कैसे करें ?

Kisan Credit Card Scheme farmer yojana

हर वो व्यक्ति जो कृषि करता है वह इस कार्ड के लिए आवेदन कर सकता हैं और अपना किसान क्रेडिट कार्ड बनवा सकता हैं। बता दें कि किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए आप ग्रामीण बैंक, कोपरेटिव व सरकारी बैंकों के अलावा प्राइवेट बैंकों में भी आवेदन कर सकते हैं। ऐसे में आप सबसे पहले बैंक का चुनाव कर ले कि आपको कौन से बैंक से किसान क्रेडिट कार्ड बनवाना है। आप अपने एरिया की नजदीकी कृषि संबंधी बैंक शाखा में जाकर संपर्क कर सकते हैं।

किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए सबसे पहले बैंक जाएं और वहां से किसान क्रेडिट कार्ड का फॉर्म लेकर अपनी सही जानकारी के साथ फॉर्म भर दें और बैंक कर्मचारियों से पूछ कर फॉर्म के साथ आवश्यक दस्तावेजों की फोटो कॉपी लगाकर बैंक में जमा करवा दें। फॉर्म जमा करवाने से पहले एक बार यह अच्छे से जांच लें कि आपने सभी जानकारी ठीक से भरी है कहीं कोई गलती तो नहीं है। इसके पश्चात बैंक आपके द्वारा जमा किए गए फॉर्म और दस्तावेजों की जांच करेगा अगर सबकुछ सही हुआ तो कुछ दिनों के भीतर ही आपको किसान क्रेडिट कार्ड मिल जाएगा।

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इसके अलावा बता दें कि SBI जैसे कुछ बैंक ऑनलाइन किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने की सुविधा देते हैं जिससे आप घर बैठे स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर किसान क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई कर सकते हैं। अगर आप SBI बैंक के जरिए ऑनलाइन Kisan Credit Card बनवाना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें।

Kisan Credit Card से लोन कैसे लें ?

किसान क्रेडिट कार्ड से लोन लेने के लिए भी आपको बैंक जाकर इसके लिए फॉर्म भरना होगा और उसमें लिखना होगा कि आपको कितना लोन चाहिए हैं। सभी बैंकों की प्रक्रिया अलग-अलग हो सकती है इसलिए अगर आपके मन में कोई संदेह है तो वहां के बैंक अधिकारियों से पूछताछ कर सकते हैं। फॉर्म जमा करवाने के कुछ दिन बाद आपको लोन मिल जाएगा। बता दें कि किसान क्रेडिट कार्ड से आप एक निश्चित धनराशि ही लोन पर ले सकते हैं, लिमिट से ज्यादा धनराशि आपको नहीं दी जाती।

जैसा कि हम आपको ऊपर पहले ही बता चुके हैं कि किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट 3 लाख की ही होती हैं। आपको खेती की जमीन के हिसाब से लोन दिया जाता हैं यानी कि कम जमीन है तो कम लोन मिलेगा और अगर जमीन ज्यादा है तो लोन भी ज्यादा मिलेगा। आप जितना भी पैसा लोन पर निकलवाते हो उसका एक निश्चित अवधि के बाद ब्याज भी देना पड़ता है।

किसान क्रेडिट कार्ड पर लोन देने वाले बैंक ?

1. State Bank of India (SBI) 2. Axis Bank 3. Bank of India 4. Syndicate Bank 5. Nabard Bank 6. IDBI Bank 7. NPCI Rupay Credit Card

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किसान क्रेडिट कार्ड पर ब्याज दर क्या होती है ?

सभी बैंकों की ब्याज दरें उनकी पॉलिसी के हिसाब से अलग-अलग हो सकती हैं। लेकिन इस बात में कोई शक नहीं कि किसान क्रेडिट कार्ड से लिए गए लोन पर बाकी के सामान्य लोन की तुलना में ब्याज दर कम ही होती हैं। ये ब्याज दरें 3% से लेकर 7% तक हो सकती हैं। सरकार लोन लेने पर सब्सिडी भी देती हैं जिससे ब्याज दर काफी कम हो जाती हैं। जब कोई किसान फसल लोन लेता है जिस पर 7% ब्याज लगता हैं और अगर वह निर्धारित समय पर भुगतान करता है तो उसे 3% की छूट यानी सब्सिडी मिल जाती हैं। लेकिन Term Loan में सरकार की तरफ से सब्सिडी नहीं मिलती। 3 लाख से ज्यादा जो लोन लिया जाता है वह टर्म लोन में आता है।

किसान क्रेडिट कार्ड पर लोन का भुगतान कैसे करें ?

हम आपको यहां स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के नियम के बारे में बता रहे हैं, हो सकता है दूसरे बैंकों के किसान क्रेडिट कार्ड पर लोन का भुगतान करने के नियम अलग हो। दरअसल लोन का भुगतान करने के लिए आपको अपने क्रेडिट कार्ड में पैसे जमा करवाने होते हैं

खरीफ फसल (1 अप्रैल से 30 सितम्बर): इसके लिए किसानों को 31 जनवरी तक पैसे का भुगतान करना होता हैं।

रबी फसल (1 अक्तूबर से 31 मार्च): इसके लिए पैसे का भुगतान 31 जुलाई तक करना होता हैं और अगर खरीफ व रबी दोनों हैं, तो 31 जुलाई तक करना होगा।

जबकि लॉन्ग टर्म क्रॉप के लिए लोन लेने के 12 महीने के भीतर भुगतान करना पड़ता है।

इस पोस्ट में आपने पढ़ा कि : किसान क्रेडिट कार्ड क्या होता है ? Kisan Credit Card कैसे बनवाएं ? किसान क्रेडिट कार्ड योजना क्या है ? Kisan Credit Card Scheme in Hindi. किसान क्रेडिट कार्ड के लाभ व विशेषताएं। किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए आवश्यक दस्तावेज ? Kisan Credit Card से लोन कैसे लें ? किसान क्रेडिट कार्ड पर लोन का भुगतान कैसे करें ? किसान क्रेडिट कार्ड पर ब्याज दर क्या होती है ? यानी कि यह पोस्ट पढ़कर आपको किसान क्रेडिट कार्ड से संबंधित सभी जानकारियां मिल गई होंगी। उम्मीद करते हैं आपको यह पोस्ट अच्छा लगा होगा। अगर आपका कोई सवाल है तो आप नीचे कमेंट करके हम से पूछ सकते हैं।

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बॉलीवुड के इस एक्टर को Kiss करना चाहती हैं बाहुबली की खूबसूरत एक्ट्रेस तमन्ना भाटिया

साउथ इंडियन फिल्मों में काम करके दर्शकों का दिल जीतने वाली खूबसूरत एक्ट्रेस तमन्ना भाटिया ( Tamannaah Bhatia ) अब हिंदी सिनेमा में भी अपनी पहचान बना चुकी हैं। उनकी सबसे चर्चित फिल्म ‘बाहुबली 2’ पूरे देश में इतनी ज्यादा सुपरहिट हुई कि, कमाई के मामले में इस फिल्म ने कई रिकॉर्ड तोड़ दिए और उन्होंने अपनी एक्टिंग से करोड़ों लोगों के दिल में जगह बना ली। आज तमन्ना भाटिया के फैंस की संख्या बहुत ज्यादा है। हर कोई उनको बेहद पसंद करता है। वैसे आपको बता दें कि तमन्ना भाटिया ने आज तक किसी भी फिल्म में किसिंग सीन नहीं किया है।

काफी सारी फिल्में कर चुकी तमन्ना भाटिया जब भी कोई नई फिल्म साइन करती हैं तो पहले ही साफ कर देती हैं कि वह फिल्म में किसिंग सीन नहीं करेंगी। इस बात का खुलासा वह खुद मीडिया में कर चुकी हैं। आजकल की फिल्मों में डायरेक्टर मूवी में मसाला डालने के लिए किसिंग सीन्स को तवज्जो देते हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग आकर्षित हो लेकिन तमन्ना भाटिया ने जितनी भी फिल्मों में काम किया है उन्होंने कभी किसी एक्टर को किस नहीं किया है।

ऋतिक रोशन को Kiss करना चाहती है तमन्ना भाटिया :

Tamannaah bhatia wants to kiss Hrithik roshan

किसिंग सीन से परहेज करने वाली तमन्ना भाटिया ने हाल ही में एक चैट शो के दौरान अपने दिल की इच्छा जाहिर करते हुए बताया कि वह सिर्फ एक एक्टर को फिल्म में किस करना चाहती हैं और वह एक्टर और कोई नहीं बल्कि बॉलीवुड के सबसे हैंडसम एक्टर ऋतिक रोशन ( Hrithik Roshan ) हैं। दरअसल, तमन्ना ने कहा कि, ‘ मैं पर्दे पर कभी किस सीन नहीं करती हूं क्योंकि यह मेरे कॉन्ट्रैक्ट का हिस्सा होता हैं. मेरे दोस्त इस बात को लेकर अक्सर मजाक भी करते हैं और मैं उनसे मजाक में कह देती हूं कि, ऋतिक रोशन के साथ मैं किस सीन कर सकती हूं. ‘

तमन्ना भाटिया ने यह भी बताया कि वह ऋतिक रोशन की बहुत बड़ी फैन हैं और जब वह पहली बार ऋतिक रोशन से मिली तो वह बहुत एक्साइटेड थी। उन्होंने ऋतिक रोशन को बताया कि वह उनकी बड़ी फैन हैं जिसके बाद ऋतिक ने उनसे पूछा कि क्या तुम्हें मेरे साथ पिक्चर लेनी है ? तो तमन्ना ने फट से हां कहते हुए उनके साथ एक फोटो खिंचवाई। तमन्ना ने बताया कि उस वक्त ऐसा महसूस हो रहा था जैसे कि मैं 16 साल की लड़की हूं।

कई हिट फिल्मों में काम कर चुकीं हैं तमन्ना भाटिया :

तमन्ना भाटिया का जन्म 21 दिसंबर 1989 को मुंबई में हुआ था और वह महज 13 साल की छोटी उम्र से ही अभिनय करने लगी थी। तमन्ना भाटिया ने अपने करियर की शुरुआत साल 2005 में फिल्म ‘चाँद सा रोशन चेहरा’ से की थी। हालांकि यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास नहीं चली और फ्लॉप रही। लेकिन वह मेहनत करती रही और धीरे धीरे कई फिल्मों में काम किया और आज वह साउथ इंडियन फिल्म इंडस्ट्री की जानी-मानी अभिनेत्री हैं। वह कई सारी सुपरहिट फिल्मों में काम कर चुकी हैं और माधुरी दीक्षित को अपने आदर्श मानती हैं।

विराट कोहली के साथ अफेयर को लेकर दी सफाई :

Tamannaah bhatia wallpaper

एक समय तमन्ना भाटिया का नाम भारतीय कप्तान विराट कोहली के साथ भी जुड़ा लेकिन तमन्ना इसके बारे में सफाई दे चुकी हैं। दरअसल साल 2012 में विराट और तमन्ना ने एक मोबाइल फोन के विज्ञापन में साथ काम किया था जिसके बाद यह खबरें आई थीं कि दोनों एक-दूसरे को डेट कर रहे हैैं। लेकिन तमन्ना ने चैट शो में इसके बारे में भी जिक्र करते हुए साफ कर दिया कि ऐड की शूटिंग के दौरान दोनों ने सिर्फ चार शब्दों में बात की थी और उसके बाद ना तो कभी उनकी मुलाकात हुई और ना ही कभी उन्होंने बात की।

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