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पिता योगराज ने इन्हें ठहराया युवी का करियर खत्म करने का जिम्मेदार, बोले- कभी नहीं करूंगा माफ

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हाल ही में मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब युवराज सिंह ने संन्यास लेने की घोषणा की तो उनकी पत्नी हेजल और मां सबनम वहां मौजूद थीं। लेकिन इस दौरान युवराज के पिता योगराज सिंह नहीं थे। हालांकि अपनी स्पीच में युवराज अपने पिता का जिक्र करना नहीं भूले, युवराज ने कहा कि मेरे साथ वे सब लोग मौजूद हैं जिनसे मैं बहुत प्यार करता हूं। सिर्फ मेरे पिता नहीं हैं। बता दें कि युवराज के सफल क्रिकेटर बनने के पीछे उनके पिता का बहुत बड़ा हाथ है।

योगराज ही वो शख्स है जिनकी बदौलत भारतीय क्रिकेट को युवराज जैसा शानदार खिलाड़ी मिला। लेकिन योगराज सिंह को अभी भी एक चीज का मलाल है, उनका मानना है कि युवराज सिंह अपने करियर में और अच्छा कर सकते थे लेकिन एक व्यक्ति ने उनका करियर खत्म कर दिया।

योगराज ने कोच ग्रैग चैपल पर लगाया आरोप :

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अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में योगराज सिंह ने कहा कि, “जब ग्रैग चैपल टीम के कोच थे तब खो-खो खेलते वक्त अगर युवराज को घुटने में चोट नहीं लगती तो वह वनडे और टी-ट्वेंटी के सभी रिकाॅर्ड तोड़ देता। मैं इसके लिए चैपल को कभी मांफ नहीं करूंगा।” युवराज और उनके पिता के रिश्ते ज्यादा अच्छे नहीं रहे हैं। हालांकि थोड़े दिन पहले युवराज ने स्पष्ट किया था कि उन्होंने अपने पिता से बात कर सभी मुद्दों को खत्म कर दिया है।

युवराज के पिता ने कहा कि, “मेरे बेटे ने घुटने की चोट और कैंसर जैसी बीमारी को मात देकर एक चैंपियन की तरह मैदान पर वापसी की। इसके लिए मैं अपने बेटे को सलाम करता हूं , और चाहता हूं कि अगले जन्म में भी मुझे युवराज जैसा बेटा मिले।

युवराज के संन्यास से खुश नहीं हैं पिता :

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बता दें की युवराज के संन्यास लेने के फैसले से उनके पिता (Yograj Singh) बिल्कुल नाखुश हैं क्योंकि उनको लगता है कि युवराज को एक विदाई मैच खेलने का मौका जरूर मिलना चाहिए था जिससे वह मैदान में बल्ला उठाकर फैंस का शुक्रिया अदा करते हुए संन्यास लेता, यह अच्छा होता। बता दें कि रोहित शर्मा ने भी अपने ट्वीट में कहा था कि युवराज एक विदाई मैच के हकदार थे।

क्रिकेट से नफरत करते थे युवराज सिंह :

बचपन में युवराज सिंह को क्रिकेट खेलने में कोई दिलचस्पी नहीं थी, वे क्रिकेट से नफरत करते थे। उनके पिता के मुताबिक युवराज हमेशा स्केटिंग और टेनिस खेलने में लगे रहते थे। लेकिन उनके पिता चाहते थे कि युवी क्रिकेटर बने। इसलिए वे युवराज के स्केट और टेनिस रैकेट तोड़ देते थे। इससे युवराज को काफी गुस्सा आता था और अपने पिता को ड्रैगन सिंह कहकर बुलाते थे साथ ही अपने घर को जेल कहते थे।

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योगराज ने धीरे-धीरे युवराज को क्रिकेट में रूचि लेना सिखाया और रोज स्टेडियम में अभ्यास कराने ले जाते जहां वो युवराज को डेढ़ घंटे दौड़ाते थे। उनके पिता चाहते थे कि उनको खोया हुआ सम्मान वापिस मिले। योगराज ने बताया “40 साल पहले मुझे भारतीय टीम से हटा दिया गया था और तब से मेरे दिल में वो दर्द था। मैं उसी दर्द के साथ जी रहा था। मेरी मां मुझसे कहती थी कि तू युवराज को क्रिकेटर बनाने के चक्कर में उसकी जिंदगी बर्बाद कर रहा है।” जब उनके पिता को युवराज के कैंसर के बारे में पता चला तो वे बंद कमरे में काफी रोए थे और भगवान से प्रार्थना की थी कि वह जल्द ठीक हो जाएं।

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भारत और पाकिस्तान के रिश्ते हमेशा से ही तनावपूर्ण रहे हैं। जब भी इन दोनों देशों का क्रिकेट स्टेडियम में मुकाबला होता है तो कड़ी टक्कर देखने को मिलती हैं खासकर वर्ल्ड कप के मैच में। हालांकि पाकिस्तान वर्ल्ड कप में भारत को कभी नहीं हरा पाया है, यह बात तो आप सब जानते ही होंगे। इसी को लेकर हर बार वर्ल्ड कप के दौरान टीवी पर ‘मौका-मौका’ वाली एड देखने को मिलती हैं। इस बार भी स्टार स्पोर्ट्स वालों ने ऐसी ही ‘मौका-मौका’ वाली एड बनाई है जो इंटरनेट पर खूब वायरल हो रही है। लेकिन इस ऐड को देखकर पाकिस्तान को मिर्ची लग गई हैं।

भारत-पाक के बीच छिड़ी विज्ञापन जंग :


स्टार स्पोर्ट्स वालों की एड पाकिस्तान को हजम नहीं हुई और पाकिस्तान के लोग एड को देखकर चिढ़ गए साथ ही गुस्सा भी हो गए। देखा जाए तो उनका गुस्सा होना भी जायज है क्योंकि एड ही कुछ ऐसी है। दरअसल, इस बार ‘मौका-मौका’ वाली एड में भारत को पाकिस्तान का अब्बू यानी कि बाप दिखाया गया है। जवाब में पाकिस्तान के एक चैनल ने भी भारत को चिढ़ाने के लिए वर्ल्ड कप को लेकर एक एड निकाला है। लेकर यह बहुत ही घटिया स्तर का एड है जिसमें भारतीय विंग कमांडर अभिनंदन को निशाना बनाया गया है।

पाकिस्तान ने किया भारतीय पायलट का अपमान :


पाकिस्तान अपनी बेज्जती को सहन नहीं कर पाया और उनके एक Jazz TV नामक चैनल ने एक ऐसा एड निकाला जिसमें विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान का मजाक उड़ाते हुए देखा जा सकता है। 33 सेकेंड के इस विज्ञापन में मॉडल ने नीली जर्सी पहनी हुई है और उसकी मूछें अभिनंदन की तरह बनाई गई हैं। एक व्यक्ति उनसे मैच के लिए भारत की रणनीति के बारे में पूछ रहा है। विज्ञापन में अभिनंदन के हाथ में रखे चाय के कप को क्रिकेट कप से जोड़कर बताया गया है।

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इस विज्ञापन को देखकर आपको पाकिस्तान के घटिया चरित्र के बारे में पता चलता है क्योंकि दुश्मन देश भी एक-दूसरे के सैनिकों का मजाक नहीं उड़ाते लेकिन पाकिस्तान से अच्छाई की उम्मीद करना बेकार है। बहरहाल, इस विज्ञापन की खूब आलोचना हो रही हैं। पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब मलिक की पत्नी सानिया मिर्जा ने भी इन विज्ञापनों को बेहूदा बताया है।

सानिया मिर्जा ने विज्ञापन को बताया शर्मनाक :


सानिया मिर्जा दोनों देशों के विज्ञापनों को देखकर भड़क गई और ट्वीट के जरिए इन विज्ञापनों पर आपत्ति जताते हुए इन्हें शर्मनाक बताया है। सानिया ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, “सीमा के दोनों ओर शर्मनाक सामग्री वाले विज्ञापन, गंभीर हो जाओ, आपको इस तरह के बकवास के साथ मैच का प्रचार करने की कोई जरूरत नहीं है। पहले ही इस पर पर्याप्त नजरें हैं। यह सिर्फ क्रिकेट है।”

सानिया मिर्जा ने दोनों देशों को सलाह दी कि ऐसे निचले स्तर के विज्ञापनों से दूर रहें और इनका प्रचार न करें, क्योंकि इससे दोनों देशों की भावनाएं आहत होती हैं। भारत और पाकिस्तान के मैच पर पहले से ही दुनियाभर के क्रिकेट फैंस की नजरें हैं। बता दें कि भारत और पाकिस्तान 16 जून को मैनचेस्टर में आमने-सामने होंगे। देखना दिलचस्प होगा कि यह मैच कौन जीतता है।

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युवराज के संन्यास लेने पर छह गेंदों पर 6 छक्के खाने वाले स्टुअर्ट ब्रॉड ने कही ये बात

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युवराज सिंह के संन्यास लेने पर देश विदेश के बहुत सारे खिलाड़ियों और सेलिब्रिटीज के द्वारा प्रतिक्रियाएं दी जा रही हैं। सभी अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर इस महान खिलाड़ी की तारिफ में कुछ-न-कुछ लिख रहे हैं और उनकी तारीफों के पुल बांध रहे हैं। इसी बीच इंग्लैंड के तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड की तरफ से भी युवराज को लेकर बयान सामने आया है।

अगर आप नहीं जानते तो बता दें कि स्टुअर्ट ब्रॉड वही गेंदबाज हैं जिनको युवराज ने 2007 के वर्ल्ड कप में 6 गेंदों में 6 छक्के जड़े थे। ऐसे में युवराज के संन्यास पर उनका क्या कहना है यह जानना वाकई दिलचस्प है।

स्टुअर्ट ब्रॉड ने की युवराज सिंह की तारीफ :

Stuart Broad Yuvraj Singh 6 sixes

बता दें कि इस प्रकरण पर स्टुअर्ट ब्राॅड (Stuart Broad) ने एक मीडिया हाऊस से बात करते हुए युवराज की काफी तारीफ की है। ब्रॉड ने कहा कि ‘मैं उस समय सिर्फ 19 साल का था, और मेरे पास डेथ ओवर्स में गेंदबाजी करने का कोई खास अनुभव नहीं था। युवराज सिंह मेरी हर गेंद पर बड़ा हिट लगा रहे थे। आज मैं कभी-कभी सोचता हूं कि मैं 6 यॉर्कर या 6 स्लोअर गेंद मार सकता था। वह मेरी जिंदगी का एक नकारात्मक दिन था, लेकिन एक बात जरूर सच है कि युवराज सिंह के उन 6 छक्कों ने मुझे अच्छा गेंदबाज बनाया।’


स्टुअर्ट ब्रॉड ने युवराज सिंह (Yuvraj singh) को उनके संन्यास लेने पर शुभकामना देते हुए एक ट्वीट भी किया। जिसमें उन्होंने लिखा कि, ‘लीजेंड अपना रिटारमेंट एन्ज्वॉय कीजिए।’

कैसे लगाएं थे युवराज ने 6 गेंदों में 6 छक्के :

दरअसल 2007 के टी-20 वर्ल्ड कप के दौरान भारत और इंग्लैंड के बीच 19 सितंबर को डरबन में यह मैच खेला गया था। भारत पहले बल्लेबाजी कर रहा था और मैच के सिर्फ आखिरी दो ओवर बचे थे। क्रिज पर युवराज सिंह बैटिंग कर रहे थे जबकि दूसरी तरफ धोनी उनका साथ दे रहे थे। 19वें ओवर से ठीक पहले इंग्लैंड के खिलाड़ी एंड्रयू फ्लिंटॉफ और युवराज के बीच कुछ कहासुनी हो गई जिससे युवराज गुस्सा हो गए। जब ब्रॉड अपना ओवर लेकर आए तो युवराज ने उनकी हर बॉल पर छक्का जड़ना शुरू कर दिया।


एक के बाद एक सभी 6 गेंदों पर युवराज ने बड़े हिट लगाए और सभी गेंद बॉउंड्री से बाहर जाकर पड़ी। युवराज ने एक ओवर में 36 रन बटोरे और इंग्लैंड की पूरी टीम यह नजारा देखकर दंग रह गई। इस वाकये को लगभग 11 साल बीत गए हैं लेकिन आज भी इस मैच को ना तो स्टुअर्ट ब्रॉड भूला पाये हैं और ना ही भारतीय दर्शक, और शायद युवराज की इस ताबड़तोड़ पारी को भुला पाना भी मुश्किल है। भारत ने इस मैच में चार विकेट पर 218 रन बनाए थे और यह मुकाबला 18 रन से जीता था।

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क्या आप जानते हैं क्रिकेट खिलाडियों की टी-शर्ट नंबर का चुनाव कैसे होता है ?

चोट के कारण वर्ल्ड कप से बाहर हुए शिखर धवन, उनकी जगह इस नए खिलाड़ी को मिल सकता है मौका

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ICC World Cup 2019 में 9 जून को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए मुकाबले में शिखर धवन ने शानदार शतक जड़ा था। लेकिन वे इस मैच में चोटिल हो गए थे। दरअसल, आस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज नाथन कुल्टर नाइल की एक उछाल लेती गेंद उनके अंगूठे में लगी थी। हालांकि चोट के बावजूद भी धवन खेलते रहे और उन्होंने वनडे में अपना 17वां शतक पूरा किया। परंतु जब ऑस्ट्रेलिया की बैटिंग आई तो उनकी जगह रवींद्र जडेजा को फील्डिंग करने के लिए भेजा गया था।

चोट की गंभीरता को देखते हुए शिखर धवन को 3 हफ्तों के लिए टीम से बाहर कर दिया है ताकि वो जल्दी ठीक हो सकें। धवन के बाहर होने से कई सवाल उठ रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल यही है कि अब टीम में धवन की जगह ओपनिंग कौन करेगा ? बीसीसीआई ने अभी तक किसी भी खिलाड़ी को उनकी जगह नहीं चुना है। लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि उनकी जगह बीसीसीआई के चयनकर्ता ऋषभ पंत या श्रेयस अय्यर (Shreyas Iyer) में से किसी एक को चुन सकते हैं।

ऋषभ पंत या श्रेयस अय्यर का नाम सबसे ऊपर :

Shreyas-Iyer-Rishabh-Pant

वर्ल्ड कप की टीम चुने जाने से पहले भी ऋषभ पंत (Rishabh Pant) का नाम सुर्खियों में था लेकिन उस समय ऋषभ पंत को टीम में जगह नहीं मिल पाई थी उनके स्थान पर दिनेश कार्तिक को शामिल किया गया था। अब शिखर धवन के बाहर होने से शायद हो सकता है ऋषभ पंत को मौका दिया जाए। क्योंकि वो एक अच्छे बल्लेबाज हैं आईपीएल में भी उनका प्रदर्शन शानदार रहा था। अगर पंत को मौका मिलता है तो ये चार नंबर पर खेलते नजर आ सकते हैं क्योंकि ओपनिंग के लिए केएल राहुल के मैदान में उतरने की संभावना जताई जा रही हैं।

ऋषभ पंत के अलावा श्रेयस अय्यर के नाम की भी चर्चा हो रही हैं हो सकता हैं उनको भी शिखर धवन की जगह मौका मिले क्योंकि अय्यर भी एक बेहतर विकल्प है। इसके अलावा अंबाती रायुडू पर भी चयनकर्ताओं की निगाहें हैं। लेकिन टीम में किसे मौका मिलेगा अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है और ना ही बीसीसीआई की तरफ से कोई आधिकारिक बयान आया है। वहीं अगर टाइम्स ऑफ इंडिया की मानें तो ऋषभ पंत अगले 48 घंटों में इंग्लैंड के लिए फ्लाइट पकड़ सकते हैं।

आखिरी मैचों में वापिस आ सकते हैं धवन :

Shikhar Dhawan

शिखर धवन 3 हफ्तों तक बाहर रहेंगे और पाकिस्तान, अफगानिस्तान, वेस्टइंडीज, इंग्लैंड और बांग्लादेश के खिलाफ नहीं खेल पाएंगे। अगर धवन सही समय पर फिट होते हैं तो वो वर्ल्ड कप के बचे आखिरी मैचों में खेलते दिख सकते हैं। धवन के बाहर होने से टीम को नुकसान तो जरूर होगा क्योंकि वे एक सलामी बल्लेबाज हैं और धीरे-धीरे अपनी फॉर्म में लौट रहे थे। आस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछले मैच में उन्होंने 117 रन की पारी खेली थी। ऐसे में भारतीय टीम को धवन की कमी जरूर खलेगी।

अब देखना दिलचस्प होगा कि शिखर धवन (Shikhar Dhawan) की जगह टीम में शामिल होने वाला खिलाड़ी उनकी कमी को पूरा कर पाएगा या नहीं। बता दें कि अब तक भारत ने अपने दोनों विश्व कप मुकाबलों में शानदार जीत दर्ज की है।

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युवराज सिंह ने लिया अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास, फैंस को लगा झटका

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अपने शानदार प्रदर्शन से 2011 वर्ल्ड कप में भारत को जीत दिलाने वाले युवराज सिंह (Yuvraj Singh) ने आज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। उनके इस फैसले से करोड़ों क्रिकेट फैंस को झटका लगा है। उनके संन्यास लेने के ऐलान के बाद क्रिकेट प्रेमियों का दिल बैठ गया है। अपने क्रिकेट हीरो को यूं क्रिकेट से अलविदा होते देखना वाकई दुखी कर देने वाला पल है। बता दें कि युवराज सिंह पिछले लंबे समय से टीम से बाहर चल रहे थे और अच्छी फॉर्म में नहीं थे जिसके चलते अब उन्होंने संन्यास लेना ही सही समझा।

2019 का वर्ल्ड कप खेलना चाहते थे युवराज :

yuvraj singh announced retirement

युवराज सिंह ने मुंबई में अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की। इस दौरान उनकी पत्नी हेजल और मां शबनम भी मौजूद रहीं। युवराज ने संन्यास का ऐलान करते हुए कहा हैं कि अब वो कैंसर पीड़ितों की मदद करेंगे। आपको याद होगा कि युवराज भी कैंसर से जंग लड़ चुके हैं। उन्होंने कैंसर को मात देकर दोबारा मैदान में कदम रखा था। वैसे युवराज का सपना था कि उनको 2019 आईसीसी वर्ल्ड कप में खेलने का मौका मिले लेकिन उनका यह सपना पूरा नहीं हो सका।

युवराज को 2019 आईसीसी वर्ल्ड कप की टीम में खराब फॉर्म के कारण जगह नहीं मिल पाई और उनका आखिरी विश्व कप खेलने का सपना अधूरा ही रह गया। लेकिन युवराज सिंह ने अपने 18 साल के लंबे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर में भारत को जो योगदान दिया है उसको कभी नहीं भुलाया जा सकता। युवराज सिंह ने अपनी बल्लेबाजी और फील्डिंग के दम पर टीम इंडिया को बहुत सारे मुकाबले जिताए हैं।

भारतीय टीम का कोहिनूर था युवराज सिंह :

Yuvraj-Singh

युवराज सिंह ने साल 2000 में केन्या के खिलाफ डेब्यू किया था और 2003 के विश्व कप में भी शानदार प्रदर्शन किया था। अपने करियर में उन्होंने कई बड़े रिकॉर्ड्स बनाएं जिनमें से कुछ तो आज भी कायम हैं। जब उन्होंने 2007 के टी-20 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के गेंदबाज स्टुअर्ड ब्रॉड के ओवर की 6 गेंदों पर 6 छक्के लगाए तो बच्चा-बच्चा उनका फैन हो गया और सब उन्हें ताबड़तोड़ बल्लेबाज के रूप में जानने लगे थे।

युवराज सिंह (Yuvraj Singh) का जन्म 12 दिसंबर 1981 को हुआ था। वो भारतीय टीम के मिडिल ऑडर की जान थे। ज्यादातर वह 4 नंबर पर ही बैटिंग करने आते थे। जब से वह टीम से बाहर हुए हैं उनकी जगह अभी तक कोई भी बल्लेबाज नहीं ले पाया है। आज भी चार नंबर पर बैटिंग कराने के लिए टीम चयनकर्ताओं को काफी सोच विचार करना पड़ता हैं। सिर्फ बैंटिंग ही नहीं युवराज सिंह अपनी बॉलिंग के लिए भी जाने जाते थे। उन्होंने कई वर्षों तक भारतीय टीम में एक अच्छे ऑलराउंडर की भूमिका निभाई।

युवराज सिंह का अंतरराष्ट्रीय करियर :

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युवराज सिंह ने अपने करियर में 40 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने तीन शतक और 11 अर्द्धशतकों के साथ 1900 रन बनाए हैं। वनडे की बात करें तो युवराज ने भारत के लिए 304 वनडे मुकाबलों में 8701 रन बनाए हैं। जिसमें 14 शतक और 52 अर्धशतक उनके नाम हैं। टी-20 में भी युवराज का प्रदर्शन शानदार रहा है। उन्होंने 58 टी-ट्वेंटी मैचों में 1177 रन बनाए हैं। पिछले लगभग दो साल से युवराज भारतीय टीम से बाहर चल रहे थे। उन्होंने अपना आखिरी वनडे मुकाबला 30 जून 2017 को वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था। बिना किसी विदाई मैच के इस महान खिलाड़ी का यूं संन्यास ले लेना हर क्रिकेट प्रेमी को चूब रहा है।

विदेशी टी-20 लीग में खेलते दिख सकते हैं युवी :

yuvraj singh sehwag sachin

खबरों के मुताबिक इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद युवराज सिंह ने आईसीसी से मान्यता प्राप्त विदेशी टी-20 लीग में खेलने की इच्छा जताई है। वह आईपीएल की तरह विदेशों में होने वाली टी-20 लीग में खेल सकते हैं। इस साल के आईपीएल में युवराज मुंबई इंडियंस की तरफ से खेले थे हालांकि उनको ज्यादा मैचों में खेलने का मौका नहीं मिला और केवल 4 मैच ही खेलें जिसमें उन्होंने 98 रन बनाए।

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मुरादाबाद के RSS कार्यवाह विपिन चौधरी ने माउंट एवरेस्ट पर भगवा झंडा फहराकर रचा इतिहास

माउंट एवरेस्ट दुनिया की सबसे ऊंची चोटी हैं जिसको फतह करने का सपना हर पर्वतारोही देखता है। हर साल दुनियाभर के हजारों पर्वतारोही माउंट एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ने का प्रयास करते हैं लेकिन उनमें से कुछ ही सफल हो पाते हैं। हाल ही में उत्तरप्रदेश के एक युवक ने माउंट एवरेस्ट पर सफलतापूर्वक चढ़ाई करके भारत का नाम रोशन किया है। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद शहर में रहने वाले इस युवक का नाम विपिन चौधरी हैं। इन्होंने माउंट एवरेस्ट पर चढ़कर भगवा झंडा भी फहराया है जिसकी बहुत चर्चा हो रही है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े हैं विपिन चौधरी :

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माउंट एवरेस्ट को फतह करने वाले विपिन चौधरी मुरादाबाद शहर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के महानगर सह कार्यवाह हैं। विश्व की सबसे ऊंची और जटिल चोटी पर इन्होंने एक नया कारनामा रच दिया है। माउंट एवरेस्ट पर ‘भगवा ध्वज’ फहराने वाले विपिन चौधरी ऐसे पहले शख्स बन गए हैं। ऐसा करने पर संघ एवं भारतीय हिंदू संस्कृति के प्रसंशकों से विपिन को खूब सारी बधाइयां और शुभकामनाएं मिल रही हैं साथ ही लोग उनकी काफी तारीफ कर रहे हैं।

भगवा ध्वज फहराने के पीछे कारण :

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इससे पहले कि आप यह सोचें कि इन्होंने अपने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे की जगह भगवा झंडा ही क्यों फहराया ? आपको बता दें कि इन्होंने सिर्फ भगवा ध्वज ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय ध्वज की भी मर्यादा रखी है और भगवा ध्वज के साथ-साथ माउंट एवरेस्ट पर तिरंगे को फहराकर देश का मान बढ़ाया है। बता दें कि उगते हुए सूर्य के समान भगवा रंग भारतीय संस्कृति की आध्यात्मिक ऊर्जा, पराक्रमी परंपरा एवं विजय भाव का प्रतीक माना जाता है।

संघ ने भगवा ध्वज को गुरु के प्रतीक रूप में स्वीकार किया है जो कि हजारों वर्षों से राष्ट्र और धर्म का ध्वज रहा है। RSS से जुड़े पर्वतारोही विपिन चौधरी ने माउंट एवरेस्ट की चोटी पर भगवा ध्वज फहराकर आरएसएस के स्वयंसेवक की तरह ध्वज को नमन भी किया।

पहले भी कई ऊंची चोटियों को फतह कर चुके हैं विपिन :

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विपिन चौधरी 27 वर्ष के है और फिलहाल केजीके डिग्री कॉलेज में लॉ की पढाई कर रहे हैं। पढ़ाई के साथ-साथ वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधियों में भी हिस्सा लेते रहते हैं। वैसे बता दें कि विपिन को पर्वतों पर चढ़ाई करने का बहुत शौक है और वे माउंट एवरेस्ट से पहले भी वह एल्ब्रुस और किलीमंजारों की शिखरों पर चढ़कर अपना लौहा बनवा चुके हैं।

अगर उनके (Mount Everest) माउंट एवरेस्ट चढ़ाई अभियान की बात करें तो उन्होंने 2 अप्रैल को चढ़ाई शुरू की थी। 12 सदस्यीय समूह में विपिन चौधरी उत्तरप्रदेश से अकेले पर्वतारोही थे। विपिन ने 22 मई की सुबह नौ बजे यह सफलता हासिल की और माउंट एवरेस्ट पर भगवा झंडा फहराकर इतिहास रच दिया। जब विपिन के आस-पड़ोस और रिश्तेदारों को उनकी इस उपलब्धि की खबर मिली तो उनके घर बधाई देने वालों का तांता लग गया। विपिन के माता-पिता को अपने बेटे पर काफी गर्व महसूस हुआ। विपिन के पिता गजेंद्र सिंह, पुलिस में सब-इंस्पेक्टर के तौर पर कार्यरत हैं। जबकि उनकी मां पूनम चौधरी हाउसवाइफ हैं।

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